दुर्ग मैं सम्पन्न हुई जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा

दुर्ग। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की महती कृपा से पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की सम्यक आराधना कराने हेतु तेरापंथ समाज, दुर्ग को उपासिक द्वय का सानिध्य प्राप्त हुआ। पर्युषण पर्व का प्रथम दिवस: खाद्य संयम दिवस…उपासिका डा. वीरबाला छाजेड़ ने खाद्य संयम पर अपनी अभिव्यक्ति देने के पश्चात “सम्यक दृष्टि कैसे बने”पर विशेष उद्बोधन देते हुए सभाजनों से आव्हान किया कि विचार करें… मैं कौन हूं ? मेरी प्राथमिकताएं क्या है ? अपने शाश्वत लक्ष्य को पहचानें और उस पर पड़े अज्ञान रूपी आवरण को हटाएं। उपासिका साधना कोठारी ने खाद्य संयम पर बताते हुए भोजन क्यों कब कैसा कितना पर विस्तार से जानकारी दी।
मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई सभा के मंत्री संजय चौपड़ा ने उपासिकाओं के आगमन पर हर्ष व्यक्त करते हुए डा. वीरबाला छाजेड़ का जीवन परिचय का वर्णन किया। उपासिका साधना कोठारी का जीवन परिचय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा विनीता बरडिया ने प्रस्तुत किया। सौम्या, आकांक्षा बरमेचा ने स्वागत गीतिका का संगान किया। पिंकी, सूरज बरमेचा ने खाद्य संयम पर गीतिका का गायन किया।
सभा के अध्यक्ष देवेन्द्र बरमेचा, तिलोक चंद बरमेचा, मूलचंद धाड़ीवाल, निर्मल श्रीश्रीमॉल, कैलाश बरमेचा, सुखलाल बरडिया, तेयुप अध्यक्ष मुदित दुधोडिया, सचिव ऋषभ बरमेचा तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा विनीता बरडिया, सचिव श्वेता बरमेचा सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने कार्यक्रम में उपस्थित हो आध्यात्मिक लाभ लिया। कार्यक्रम का संचालन दिलीप बरमेचा ने किया।