संविदा भर्ती में भ्रष्टाचार- नौकरी पाने के लिए पैसे देने पर होगी नियुक्ति

सूरजपुर| संविदा भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप, अभ्यर्थियों ने किया प्रशासन और चयन समिति पर हमला

सूरजपुर में हाल ही में एक संविदा भर्ती के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। डीएमएफ योजना के तहत पशु चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु 27 पद के लिए संविदा नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन इसमें अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप उठाया गया है।

अभ्यर्थियों ने चयन समिति के ऊपर अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सूरजपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उनके अनुसार, पशु स्वास्थ्य विभाग में संविदा नियुक्ति हेतु चयनित अभ्यर्थियों को अवैध तरीके से नौकरी दी जा रही है और फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया जा रहा है। बेरोजगारों का कहना है कि चयन सूची में कुछ अभ्यर्थियों का नाम फर्जी दस्तावेजों के बावजूद शामिल किया गया है, जबकि चयन सूची को बहुत ही बारीकी से तैयार किया गया था।

उपयुक्त नियुक्ति की निर्वाचन प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते विवाद है, और इसे प्रशासनिक स्तर पर कमेटी द्वारा जांचने की मांग की जा रही है। अभ्यर्थियों के द्वारा किए गए आरोप के बाद, विरोधकों का यह दावा है कि उनके योग्य उम्मीदवारों को चयन किया जाना चाहिए और फर्जी दस्तावेजों के साथ नौकरी प्राप्त करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मामले में विभाग के द्वारा चयन सूची जारी की गई है, जिसमें कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेजों के बावजूद उनका चयन शामिल है, और इसके चलते उन्हें नौकरी मिल गई है।

इस मामले में सरकारी नौकरी प्राप्त करने की तरफ आग्रह करने वाले युवाओं के आगे के कदम का इंतजार है, और वे इस मुद्दे पर सख्त आवाज उठा रहे हैं। उनका मानना ​​है कि चयन सूची को पुनर्विचार करने की जरूरत है और योग्य उम्मीदवारों को नौकरी प्राप्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।

इस मामले में शासन और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है, और वे इस मामले को गंभीरता से देखने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे मांग कर रहे हैं कि जो अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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