मनमानी में सरकारी कार्य में लगे वाहन का चालान कर बैठी जहानागंज पुलिस
आजमगढ। जिले के जहानागंज थाने की पुलिस के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ में की जा रही मनमानी का सिलसिला बददस्तूत जारी है। महकमें के शीर्ष अधिकारियों के द्वारा जहानागंज पुलिस की मनमानियों की जा रही वकालत से इलाकाई लोगों में भी अब पुलिसियां मनमानी को लेकर आवाज उठने लगी है। अपनी मनमानियों में जहांनागंज पुलिस के द्वारा सोमवार को एक लोक सेवक (प्रीसिंपल) के वाहन का उस समय जानबूझकर चालान कर दिया गया जब वह सरकारी मंशा के अनुसार कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। मामला एडीएम (प्रसासन)से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में हिचकोले खा रहा है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले की जहानागंज थाने की पुलिस के द्वारा आए दिन पदीय अधिकारो के आड़ में मनमानियाॅ की जाती है। थानाध्यक्ष राकेश सिह और थाने के एसएसआई विकास चंद पांडेय खुद इन मनमानियों को हवा देते है। ‘‘ईएमएस’’ के हाथ लगे सबूतों पर यदि गौर करे तो पद के मद में चूर जहानागंज थाने के ये दोनों अफसर पूरी तरह से एसपी त्रिवेणी सिंह के अपराध नियंत्रण के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहे है। स्थिति यह है कि एसपी आजमगढ से घटनाओं की वास्तविक स्थिति को जानबूझकर छुपाते हुए ‘‘निर्दोषों’’ को फसाया जाता है तो वहीं पर वास्तविक घटनाओं को अंजाम देने वालों से ‘‘लिफाफे’’ लेकर मनगढंत छोटे आरोपों को पंजीकृत किया जाता है। यहीं नही थानाक्षेत्र से दूर कही अपनी नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ भी दलालों के माध्यम से आए ‘‘लिफाफों’’ के बल पर कार्यवाही कर दी जाती है। यदि देखा जाए तो थाने के इन दोनों अफसरों का लक्ष्य वास्तविक अपराध को छोटा दिखाना और निर्दोषों पर कार्यवाही का भय पैदा कर लिफाफे पकड़ना रह गया है। अपने गलत ‘‘लक्ष्यों’’ को पाने के लिए थाने के इन दोनों अफसरों में एक तरह की होड़ मची हुई है। इसी क्रम में सोमवार को थाने के एसएसआई विकास चंद पांडेय ने सरकारी कार्यो को अंजाम देने कार्यालय जा रहे एक विद्यालय के प्रिसिपल के चार पहिया वाहन का चालान कर दिया गया। इस पूरे वाकये से ‘‘प्रिसिपल’’ ने अपर जिलाधिकारी (प्रसासन) को अवगत कराया तो मामला जिलाधिकारी तक पहुच गया। सरायबृंदाबन इंटर कालेज सरायबृंदाबन आजमगढ के प्रिसिपल डॉ. देवेंद्र नाथ पांडेय ने अपने पत्र में लिखा है कि वेतन विल पर हस्ताक्षर को विद्यालय आ रहे उनके कर्मचारी के साथ आ रहे वाहन संख्या यूपी 50 बीएस 7417 का थाने के उपनिरीक्षक विकास चंद पांडेय के द्वारा चालान किया जा रहा है। इन्हे मना किया जाएं अन्यथा कर्मचारियों के वेतन आहरण में परेशानी होगी। मोबाईल पर मिले मैसेज के मुताबिक एसएसआई ने 3500 रुपये की रसीद काटी है। मजे की बात यह रही कि वाहन के सभी ‘‘कागजात’’ भी मौके पर देखने के बाद एसएसआई द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूप्योग किया गया। बहरहाल थाने के ये दोनों अफसर आपसी होड़ को पूरा करने मे जुटे हुए है। देखना है कि सरकारी कार्यो को अंजाम देने में लगे वाहन को चालान करने और इलाके से बाहर रहे व्यक्ति के खिलाफ 107/116 की कार्यवाही के मामले में प्रसासन की ओर से थाने के दोनों अफसरों के प्रति कौन सी कार्यवाही की जाती है?