गगनयान के क्रू मॉडल को 17 किमी की ऊंचाई पर ISRO ने किया लॉन्च

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नई दिल्ली| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने शनिवार को श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश, में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान को सफलतापूर्वक संपन्न किया। इसरो ने अपने दूसरे प्रयास में इस सफलता को प्राप्त किया है। इस मिशन में, 17 किमी की ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल को लॉन्च किया गया। इसके बाद, श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग हुई। इस मिशन में नौसेना भी शामिल थी।

आपको बता दें कि रॉकेट का प्रक्षेपण पहले शनिवार सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बाद में बताया कि किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था। इसके बाद, प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया और उसे दुरुस्त कर दिया गया।

दो घंटे की देरी और टीवी-डी1 इंजन के शुरुआत में तय प्रक्रिया के तहत चालू नहीं हो पाने के बाद पैदा हुई घबराहट के बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट का सटीक प्रक्षेपण किया। यान के ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) एवं ‘क्रू एस्केप’ (चालकदल बचाव प्रणाली) पृथक्करण का लक्ष्य हासिल करते ही श्रीहरिकोटा स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र में सांसें थाम कर बैठे वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। इसरो ने घोषणा की कि टीवी-डी1 मिशन पूरी तरह सफल रहा। तय योजना के अनुसार पेलोड बाद में समुद्र में सुरक्षित तरीके से गिर गए।

इसरो ने एक प्रमुख मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया, जिसके तहत एक एकल-चरण तरल प्रणोदक रॉकेट का उपयोग करके मानव को अंतरिक्ष में भेजने का प्रयास किया जा रहा है। इसरो का लक्ष्य है कि इस तीन दिवसीय गगनयान मिशन के द्वारा मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इसरो ने पिछले शुक्रवार को इस परीक्षण उड़ान की सफलता को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानकर घोषणा की थी कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।

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