दीपावाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान नहीं करना चाहिए ये गलती, लगेगा दोष,
दुर्ग। हर साल कार्तिक कृष्ण की अमावस्या तिथि पर दीपावाली मनाई जाती है। इस साल 12 नवंबर को दिवाली है। यह हिन्दू धर्म के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं। रात में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी धन की देवी हैं। इनकी कृपा से ही जीवन में धन और भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। कहा जाता है कि जहां लक्ष्मी जी का वास होता है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है, इसलिए सच्चे मन के साथ दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। हालांकि पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इस दौरान आपकी एक गलती से मां लक्ष्मी रूठ सकती हैं।
चलिए जानते हैं दिवाली की रात पूजा के दौरान कौन सी गलती करने से बचना चाहिए
अक्सर लोग पूजा और आरती के दौरान लोग ताली बजाते हैं, लेकिन दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के समय ताली नहीं बजानी चाहिए। साथ ही आरती भी बहुत तेज आवाज में नहीं गाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी शोर से घृणा करती हैं। माता लक्ष्मी शांति प्रिय हैं, इसलिए इस दिन पूजा के दौरान शोर न मचाएं और ताली भी न बजाएं। साथ ही दिवाली के दिन परिवार के सदस्यों के बीच झगड़ा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए।
दिवाली की रात पूजा के दौरान भूलकर भी फटे-पुराने कपड़े न पहनें। फटे हुए कपड़े दरिद्रता की निशानी माने गए हैं। साथ ही पूजा के समय रंगों का भी ध्यान रखें। दिवाली की रात काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा पूजा के बाद पूजा स्थल को खाली या अंधेरा करके न छोड़ें। ध्यान रखें कि यहां रात भर दीपक जलता रहे, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में दीपक में घी का इस्तेमाल करें। वहीं दिवाली के दिन घर में कोई भी पुराना और कबाड़ सामान न रखें। इसे अशुभ माना जाता है। खराब घड़ी, टूटे बोतल, शीशा, फटे-पुराने कपड़े, अन्य कबाड़ के समान जिन्हें आप सालों से इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें दिवाली से पहले दिन घर से निकाल दें।