दुर्ग में कांग्रेस की हैट्रिक होगी या होगा परिवर्तन, फैसला 3 को, शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म, कोई कह रहा जीतेगा पंजा, कोई कह रहा है खिलेगा कमल

कांग्रेस व भाजपा में हुआ है कांटे का मुकाबला

दुर्ग (चिन्तक)। दुर्ग शहर विधानसभा में कांग्रेस जीत की हैट्रिक बनाएगी या फिर परिवर्तन होगा। इसका फैसला 3दिसंबर को मतों की गिनती के बाद ही होगा। वैसे मतगणना के लिए रह गए शेष दस दिन के समय के बीच शहर के चौक चौराहों में चर्चाओँ का बाजार गर्म है। कोई पंजा के जीतने का दावा कर रहा है तो कोई कमल के खिलने की बात कह रहा है।

यहां गौरतलब है कि दुर्ग शहर विधानसभा में कुल मतदाताओ की संख्या 2 लाख 27 हजार 690 है। जिसमें पुरूष मतदाता एक लाख ग्यारह हजार 645 तथा महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख सोलह हजार चौबीस है तथा थर्ड जेन्डर की संख्या 21 है इसमें से इस बार के चुनाव में कुल एक लाख इंकावन हजार 88 मतदाताओ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

मतदान का प्रतिशत 66.34 रहा है पिछले विधानसभा मेंं चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान हुआ था। फलस्वरूप परिवर्तन की लहर में कांग्रेस प्रत्याशी अरूणवोरा 21 हजार से अधिक मतों से विजय हुए थे। इस बार के चुनाव में 66 प्रतिशत मतदान करके जनता ने क्या फैसला दिया है इस गणित को लेकर तरह तरह के हल निकाले जा रहे हैं।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि दुर्ग शहर विधानसभा में विधायक अरूण वोरा सातवीं बार मैदान में है। श्री वोरा तीन बार चुनाव हार चुके है और तीन बार विजयी हुए है। पिछला दो चुनाव जीतने के बाद इस बार हैट्रिकजीत की दहलीज पर खड़े है। जीत हासिल करने के बाद सरकार बनने पर मंत्री भी बनाए जा सकते है।

वहीं भाजपा ने नये चेहरे के रूप में गजेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है। गजेन्द्र यादव के पास सबसे कम उम्र के पार्षद बनने की उपलब्धि है और संगठन में काम करने का अनुभव है। श्री यादव के लिए आर.एस.एस. की टीम भी काम करती रही है। दोनो प्रत्याशियों ने इस चुनाव में पूरी जोर आजमाइश की है।

कांग्रेस व भाजपा दोनो पार्टी के भीतर कमोबेश डेमेज की स्थिति रही है। भाजपा में संगठन के पदाधिकारी दीगर क्षेत्रों में सक्रिय रहे है लेकिन पार्षद व अन्य नेता काम करते रहे है।
वहीं कांग्रेस में कई नेताओं द्वारा खुलाघात करने की खबर है। हालांकि कांग्रेस ने समय रहते काफी हद तक इसे कंट्रोल करने का काम किया है लेकिन धरातल पर इसमें कितनी सफलता मिली है इसका फेैसला मतों की गिनती के बाद होगा। बहरहाल शहर के हर गली व चौक चौराहों पर चर्चा का दौर जारी है। कोई कमल खिलने का दावा कर रहा है तो कोई कांग्रेस की जीत की बात कह रहा है।

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