पाटन को छोड़ अन्य पांच सीट मेंं कांग्रेस मुकाबले की स्थिति में, दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण भिलाई वैशाली नगर व अहिवारा में कौन जीतेगा चर्चा जारी
दुर्ग (चिन्तक)। जिले की छह विधानसभा में पाटन ही एक मात्र ऐसी सीट है जहां कांग्रेसजन जीत को लेकर आश्वस्त है। अन्य पांच दुर्ग शहर दुर्ग ग्रामीण, भिलाई वैशाली नगर व अहिवारा को मुकाबले की सीट माना जा रहा है। पिछले चुनाव में इन पांच सीटो में वैशाली नगर भाजपा क कब्जे में रहा है। चार अन्य दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण भिलाई व अहिवारा में कांग्रेस के विधायक है। इन पांच सीटों की स्थिति कैसी रहेगी। इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।
दुर्ग शहर विधानसभा में वर्तमान में अरूण वोरा विधायक है। श्री वोरा लगातार पिछला दो चुनाव जीत चुके है। वहीं भाजपा ने नये चेहरे के रूप में गजेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में परिवर्तन की लहर के कारण 69 प्रतिशत मतदान हुआ था अरूण वोरा 21 हजार मतों से विजयी हुए थे। वहीं भाजपा प्रत्याशी चंद्रिका चंद्राकर को 45 हजार के आसपास मत मिले थे। पिछले कई विधानसभा चुनावों का आंकलन करें तो पता चलता है दुर्ग शहर में 45 हजार के आसपास भाजपा का कैडर वोट है।
भाजपा के साथ इस बार सिंधी समाज का वोट भी बढ़ गया है। वहीं कांग्रेस के शहर में 35 पार्षद, छाया पार्षद, एल्डरमेन सेवादल महिला कांग्रेस युवा कांग्रेस एन.एस.यू.आई के साथ सीनियर नेताओं की बड़ी टीम है। इस बार 66 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा या भाजपा को इसका पता मतों की गिनती के बाद ही होगा। कांग्रेस की बड़ी टीम ने इस चुनाव में कैसा काम किया है इसका भी फैसला होना है।
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में ताम्रध्वज साहू लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। श्री साहू पिछले चुनाव में विजयी हुए थे। भाजपा से ललित चंद्राकर प्रत्याशी है। श्री चंद्राकर पिछसे बीस वर्ष से अधिक समय से दुर्ग ग्रामीण में सक्रिय है। उन्होने ताम्रध्वज साहू को कड़ी टक्कर दी है। ताम्रध्वज साहू के पुत्र जीतेन्द्र साहू रिसाली में पूरे पांच वर्ष से सक्रिय रहे है।
रिसाली से फैसला जीतेन्द्रसाहू के कामकाज के आधार पर होना है। इस विधानसभा से जनता एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा को मौका देती रही है। इस बार के चुनाव में 74 प्रतिशत मतदान हुआ है। ज्यादा मतदान से कांग्रेस जनो में चिन्ता की लहर है। इसके साथ साथ यह भी कहा जा रहा है कि ताम्रध्वज साहू लगातार दो बार चुनाव नही जीत पाए है। बेमेतरा में दूसरी बार लडऩे पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
भिलाई नगर विधानसभा मेंं भी अभी तक एक बार कांग्रेस व एक बार भाजपा को मौका मिलता रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के देवेन्द्र यादव विजयी हुए थे इसलिए इस बार भाजपा की बारी है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव व भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडे के बीच मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। भिलाई नगर विधानसभा में 66 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछली बार परिवर्तन की लहर के बावजूद देवेन्द्र यादव बेहद कम मतों के अंतर से विजयी हुए थे। इस बार ज्यादा मतदान किसके पक्ष में हुआ है इसका पूर्वानुमान लगा पाना मुश्किल है।
वैशाली नगर विधानसभा की सीट भाजपा के कब्जे में है।
परिवर्तन की लहर के बाद भी भाजपा के विद्यारतन भसीन चुनाव जीते थे। अब श्री भसीन का निधन हो चुका है। भाजपा ने रिकेश सेन को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से मुकेश चंद्राकर मैदान में रहे हैं। रिकेश सेन के लिए वैशाली नगर नया नही है। लेकिन मुकेश चंद्राकर कांग्रेस का नया चेहरा है। वैशाली नगर में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। यदि यह मतदान बदलाव के लिए है तो मुकेश चंद्राकर के सिर पर जीत का सेहरा बंंध सकता है। यदि भाजपा के पक्ष में हुआ है तो वैशाली नगर पर भाजपा का परंपरागत कब्जा कायम रह सकता है।अहिवारा विधानसभा की सीट वर्तमान में कांग्रेस के पास है लेकिन कांग्रेस विधायक रूद््गुरू पलायन कर गए है।
कांग्रेस ने भिलाई-3 चरौदा निगम के महापौर निर्मल कोसरे को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा मैदान में रहे है। दोनो प्रत्याशियों के बीच अनुभव का बड़ा फासला है। निर्मल कोसरे अहिवारा की सीट को पुन: कांग्रेस के कब्जे में दिला पाते हैं या भाजपा को जीत हासिल होती है। इसका पता भी नतीजा सामने आने के बाद ही चलेगा। बहरहाल पाटन को छोड़कर जिले की शेष अन्य पांच सीटो में कांग्रेस व भाजपा के बीच आरपार का मुकाबला रहा है। हार जीत के मतों का अंतर भी राजनैतिक प्रेक्षक कम मतों के आधार पर मानकर चल रहे हैं।