अरुण साव ने ली उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ, जानें साव का राजनीतिक सफर

रायपुर| छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद आज मुख्यमंत्री समेत अन्य ने शपथ ले ली है| भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और लोरमी से विधायक अरुण साव ने छत्तीसगढ़ के नए उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली| इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय नेता, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ और दिग्गज नेता उपस्थित रहे| भाजपा ने उन्हों लोरमी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था| जहां उन्होंने कांग्रेस के थानेश्वर साहू और जेसीसी के सागर सिंह बैस को हराया था|

अरुण साव का जन्म 25 नवंबर 1968 को हुआ| अरुण साव ने एसएनजी कॉलेज, मुंगेली और केआर लॉ कॉलेज, बिलासपुर से स्नातक किया है| 2001 में अरुण साव ने उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की और 2004 में छत्तीसगढ़ सरकार के लिए पैनल वकील के रूप में और 2005 से 2013 तक सरकार के लिए और 2013 से 2018 तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उप महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया|

अरुण साव का राजनीतिक सफर सफर देखा जाए तो वह छात्र जीवन से ही अपनी राजनीति की शुरुआत कर दी थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे। अरुण साव साल 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने थे। वहीं, इस बार लोरमी विधानसभा से टिकट दिया गया था, जहां साव ने जीत हासिल की। भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश का ओबीसी चेहरा होने की वजह से उपमुख्यमंत्री पद दिया है।

अरुण साव मुंगेली से ग्रेजुएशन और बिलासपुर से कानून की डिग्री ली। इस दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी सक्रिय रहे। 1990 में एबीवीपी की मुंगेली जिला यूनिट के अध्यक्ष बने। इसके बाद एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य भी रहे। 1996 में अरुण साव ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ अपने करियर की शुरुआत की। साव छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और राज्य के महाघिवक्ता के कार्यालय में उन्होंने काफी समय तक काम किया।