अनुच्छेद 370 बना इतिहास…फैसले से पड़ोसी देश चीन को लगी मिर्ची

नई दिल्ली| जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा| सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पड़ोसी देश चीन को मिर्ची लगी है| चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने फैसले पर कहा है कि चीन ने कभी भी भारतीय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं दी है| अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला भारत ने एकतरफा लिया है|

चीन ने कहा,’अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा है, इसका चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड पर हमारे (चीन) दावे पर कोई असर नहीं पड़ता है|’

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है| सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले को भी लागू रहने दिया है| हालांकि, अदालत ने जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश भी दिए हैं|

भारत-चीन सीमा के पश्चिमी भाग पर दावा करते हुए माओ ने कहा कि भारत की अदालत का फैसला इस तथ्य को नहीं बदलता है कि चीन-भारत सीमा का पश्चिमी भाग हमेशा चीन का रहा है| इस मसले पर पहले भी चीन की तरफ से बयान आ चुका है| तब पड़ोसी देश की तरफ से कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दा बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए|