कार्यकर्ता व सहायिकाओं की भर्ती के नाम पर लेन देन की जांंच शुरू, महिला बाल विकास की दुर्ग परियोजना अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
दुर्ग(चिन्तक)।महिला एवं बाल विकास विभाग के दुर्ग शहर परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती के दौरान रूपयों के लेन देन का मामला प्रकाश में आया है। कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार दुर्ग महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 13 कार्यकता और 20 सहायिकाओँ की भर्ती के लिए वेकेन्सी निकाली गई थी। 23 दिसंबर 2022 तक इसके लिए आवेदन मंगाए गये थे। मैरिट सूची के आधार पर 24 अप्रेल 2023 को दावा आपत्ति जारी की गई थी। इसके बाद ही वरीयता सूची के नाम शामिल करने के लिए रूपयो के लेन देन की बात सामने आई।
वरीयता सूची तैयार होने पर 22 मई को दुर्ग नगर निगम की महापौर परिषद को अनुमोदन के लिए भेजा गया । समिति के सदस्यों ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर जांच के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसी प्रकरण में ज्योति ढीमर नामक आवेदिका ने कलेक्टर से शिकायत की है। यह शिकायत 22 नवंबर को की गई है।
आवेदिका ज्योति ढीमर ने कहा है कि वरीयता सूची में नाम शामिल करने के लिए उससे बीस हजार रूपए लिए गए है। इसके बाद भी चयनित सूची में इसका नाम शामिल नही किया गया है। इस शिकायत के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं.
बताया गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा इससे पहले भी इस मामले को लेकर कई बार शिकायत की गई है लेकिन इस शिकायत पर ध्यान नही दिया गया है और इसे नजर अंदाज कर दिया गया। लेकिन सरकार के बदलने के बाद प्रशासन हरकत में आया है और आनन फानन मेंं जांच के निर्देश दिए गए है। जांच के निर्देश जारी होने के बाद नोटिस जारी होने की खबर है और सभी पक्षों के बयान दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
तत्कालीन सी.डी.पी.ओ. पर है आरोपी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रो में कार्यकर्ता और सहायिकाओं की भर्ती के नाम पर दुर्ग शहर परियोजना की तत्कालीन सी.डी.पी.ओ. पर रूपए लेने के आरोप लगे है। बताया गया है कि वरीयता सूची में शामिल करने के नाम पर कई लोगों में बीस बीस हजार रू. लिए गए है। इस घटनाक्रम में महिला बाल विकास विभाग के कतिपय वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।