छत्तीसगढ़ सरकार भी शुरू कर सकती है आधिकारिक लॉटरी
रायपुर। जल्द ही छत्तीसगढ़ में आधिकारिक लॉटरी सिस्टम लागू होगी। इससे आप मालामाल हो सकते है। जनवरी महीने से राज्य सरकार यह लागू कर सकती है। राज्य सरकार राजस्व बढाने के लिए लाटरी शुरू कर सकती है। वैसे भी देश में आनलाइन लाटरी चल ही रही है। ऐसे में छत्तसीगढ़ सरकार भी अपना अधिकृत लाटरी शुरू जनवरी-फरवरी से शुरू कर सकती है। वर्तमान में 10 राज्यों में सरकारी लाटरी चल रही है। जानकारी के अनुसार लाटरी खरीदने वालों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जिसमें लॉटरी का इनाम पहले से घोषित किसी नंबर या किसी एक सिंगल डिजिट के आधार पर नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार या तो टिकट खुद बेचेगी या फिर रजिस्टर किए हुए डिस्ट्रीब्यूटर बिक्री एजेंट्स द्वारा।
सभी लॉटरियों के ड्रॉ राज्य सरकार कराएंगी। राज्य सरकार दारा घोषित टाइम लिमिट के भीतर अगर इनाम की राशि क्लेम नहीं होती है, या सबसे बड़ा प्राइज किसी के नाम नहीं निकलता है, तो वो राज्य सरकार की प्रॉपर्टी हो जाएगी। लॉटरी के टिकटों की बिक्री से होने वाला पैसा राज्य के पब्लिक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। राज्य सरकार लॉटरी के टिकट पर इस तरह अपना लोगो लगाएगी जिससे उसकी वैधता साबित हो सके। लकी ड्रॉ निकालने की जगह उसी राज्य की सीमा में तय की जाएगी जहां की लॉटरी है। लकी ड्रॉ निकालने का समय राज्य सरकार ही तय करेगी। एक साल में किसी भी लॉटरी के छह से ज्यादा बंपर ड्रॉ नहीं हो सकते। किसी भी लॉटरी का एक हफ्ते में एक ही ड्रॉ होगा। केंद्र सरकार इससे जुड़ा कोई भी निर्देश देती है तोउसका पालन किया जाएगा। सरकार के पास राज्य सरकारों को इस संबंध में निर्देश देने का पूरा अधिकार है। ऐसी भी चर्चा है कि आनलाइन लाटरी संचालित करने वाली कुछ एजेंसियां अपने धंधे को लीगल करने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। पुराने जमाने के लॉटरी सिस्टम को बदलने की तैयारी में सरकार : लॉटरी का अपना एक अलग कारोबार है, जिससे लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इससे रोज लाखों लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। अब सरकार पूरा सिस्टम ही बदलने जा रही है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बैठक किया गया है।
पहले मंत्रियों के समूह को पहल इंडिया फाउंडेशन ने स्वागत किया और जीओएम से लॉटरी रेगुलेशन रिफार्म पर भी विचार करने की अपील की है। फाउंडेशन ने भारत में लॉटरी, लॉटरी के रेगुलेशन और इसकी सामाजिक फंडिंग की संभावनाओं पर एक विस्तृत स्टडी की है। स्टडी के मुताबिक, लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 25 साल पुराना हो गया है और इतने सालों में काफी कुछ बदल गया है। पिछले कुछ सालों में घर-घर इंटरनेट के पहुंचने के बाद लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 और लॉटरी रेगुलेशन रुल्स 2010 में लॉटरी प्लेयर्स की उम्र और उसके पैसे की सुरक्षा को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं। साथ ही विदेशों से ऑफश्योर लॉटरी कंपनियां भारत में अवैध तरीके से ऑपरेट कर रही हैं, जोकि भारत के लिए गंभीर चिंता की बात है, जिसपर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए। 13 राज्यों मे लाटरी पर प्रतिबंध नही : भारत के अंदर लाटरी पर पूरी तरह प्रतिबंध नही है पर कुछ राज्यों ने अपने आप प्रतिबंध लगाया है भारत के 27 राज्यों मे से 13 राज्यों मे लाटरी पर प्रतिबंध नही है बाक़ी राज्यों मे लाटरी के कोई मान्यता नही है पंजाब, मध्य प्रदेश, नागालैंड , गोवा, महाराष्ट्र , बंगाल, सिक्किम, मिज़ोरम , मेघालय, आसान, अरूणाचल प्रदेश ,केरला और मणिपुर राज्यों मे लाटरी को मान्यता प्राप्त है।