दुर्ग में सांई महोत्सव 24 से, धार्मिक कार्यक्रमों की होगी प्रस्तुति, आम भंडारा का आयोजन 26  को

दुर्ग (चिन्तक)। सिविललाईन कसारीडीह स्थित प्रसिद्ध श्री साई बाबा मंदिर में 24, 25 व 26 दिसम्बर को वार्षिक महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। 47 वें वार्षिक महोत्सव में रंगारंग छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत व भजनों की प्रस्तुति के अलावा विविध प्रतियोगिताएं आकर्षण का केन्द्र रहेगी। छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत कार्यक्रम में महादेव हिरवानी कृत छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक लोककला मंच  कन्हारपुरी जिला राजनांदगांव के कलाकार श्रद्धालुओं का भरपूर मनोरंजन करेंगे,वहीं विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपने भजनों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।

महोत्सव के अंतिम दिन 26 दिसम्बर को आम भंडारा (महाप्रसाद) का आयोजन किया गया है। जिसमें महाप्रसाद ग्रहण करने करीब 20 से 25 हजार की संख्या में सांई भक्त जुटते है। जिसके मददेनजर समिति द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

महोत्सव को लेकर सांई मंदिर में विशेष विद्युत साज सज्जा की गई हैं। जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह बाते सार्वजनिक श्री साई महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्रीकांत समर्थ एवं सचिव धनेन्द्र सिंह चंदेल ने संयुक्त रूप से कहीं है। 47वें वार्षिक महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रमों की सिलसिलेवार जानकारी देते हुए अध्यक्ष श्री समर्थ व सचिव श्री चंदेल ने बताया कि समिति द्वारा इस वर्ष दत्तात्रेय जयंती के अवसर पर 24, 25 व 26 दिसम्बर को वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया हैं। वार्षिक महोत्सव की शुरूआत 24 दिसम्बर, रविवार को प्रात: 7 बजे श्री साई बाबा जी के सामूहिक महाअभिषेक के साथ होगी।

तत्पश्चात दोपहर 12 बजे सामूहिक आरती एवं प्रसाद वितरण, 12.45 बजे श्री साई बाबा लीलामृत का पाठन, 1.30 बजे श्री सत्य सांई भजन मंडली द्वारा भजनों की प्रस्तुति, दोपहर 2 बजे पूजा की थाली सजाओं एवं व्यंजन बनाओं प्रतियोगिता, शाम 6.30 बजे सामूहिक आरती एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा। रात्रि 8 बजे छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें महादेव हिरवानी कृत छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक लोककला मंच  कन्हारपुरी राजनांदगांव के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

महोत्सव के दूसरे दिन 25 दिसम्बर, सोमवार को सुबह 7.30 बजे सामूहिक आरती एवं प्रसाद वितरण, 9 बजे सत्यनारायण की पूजा, दोपहर 12 बजे सामूहिक आरती एवं प्रसाद वितरण, दोपहर 1 बजे श्री सांई भजन मंडली एवं श्री सांई सत्संग महिला मानस मंडली कसारीडीह द्वारा सांई भजनों की प्रस्तुति, दोपहर 2 बजे बच्चों एवं महिलाओं के लिए रंगोली एवं सलाद सजाओं प्रतियोगिताओं का आयोजन, शाम 6.30 बजे सामूहिक आरती एवं प्रसाद का वितरण किया जाएगा। रात्रि 8 बजे शहर के विभिन्न वार्डों से सांई मंदिर पहुंचने वाले भव्य शाल व चादर शोभायात्रा का प्रवेश द्वारा पर मंंदिर समिति द्वारा स्वागत-अभिनंदन किया जाएगा।

व्यवस्था को देखते हुए इस वर्ष मंदिर आने वाले शाल-चादर शोभायात्रा के लिए एक दिन का समय निर्धारित किया गया है। धार्मिक संगठनों को शाल-चादर शोभायात्रा मंदिर लेकर आने की सूचना मंदिर समिति को देना आवश्यक होगा। महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन 26 दिसम्बर, मंगलवार को सुबह पूजा अर्चना के बाद दोपहर 12.30 बजे से आम भंडारा (महाप्रसाद) का आयोजन किया गया है। शाम 6.30 बजे श्री सांई बाबा जी की आरती उपरांत भव्य शोभायात्रा (पालकी) निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा सिविल लाईन, पद्मनाभपुर मुक्तनगर, कन्हैयापुरी चौक, आजाद चौक, कसारीडीह होते हुए अंत में वापस मंदिर पहुंचेगी। रात्रि में शेज आरती के बाद वार्षिक महोत्सव का समापन होगा।

उन्होंने बताया कि सांई मंदिर परिसर के सामने का स्थान छोटा होने की वजह से छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम साक्षरता भवन के पीछे सिविललाईन मैदान में आयोजित किया गया हैं। महाप्रसादी (भंडारा) वितरण, प्रतियोगिताएं व शेष कार्यक्रम सांई मंदिर परिसर के सामने होगी। महोत्सव के तैयारी में सार्वजनिक श्री सांई महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्रीकांत समर्थ, सचिव धनेेन्द्र सिंह चंदेल, उपाध्यक्ष धीरेन्द्र शर्मा, शिवाकांत तिवारी, सह सचिव संतोष यदु, कोषाध्यक्ष सुजीत गुप्ता, प्रचार सचिव सुरेश साहू, अजय सुरपाम, कार्यकारिणी सदस्य अरविन्द वोरा, कौशल किशोर सिंह, डॉ. सुधीर हिशीकर, संजय लाखे, सत्येन्द्र सिंह राजपूत, विनय चंद्राकर, संतोष खिरोड़कर, गणेश निर्मलकर, नरेन्द्र राठी, हेमंत रूंगटा, सुनील श्रीवास्तव, मुरलीधर राऊत, नितिन शेंडे, अरविन्द लोखंडे, प्रशांत राऊत के अलावा अन्य सदस्य जुटे हुए हैं।

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