कचरे का निष्पादन बना निगम के लिए बड़ी समस्या, कई जगह कचरो से हुए लबालब, नई जगह की तलाश

दुर्ग (चिन्तक)। भारत स्वच्छ अभियान के तहत कचरे का निष्पादन निगम प्रशासन के लिए बड़ी समस्या बन गया है। वर्तमान में गौठान के पास कचरे का संग्रहण किया जा रहा है लेकिन यह जगह फुल हो गई है। निगम द्वारा अब कचरे के एकत्रीकरण के लिए नई जगह की तलाश की जा रही है।

जानकारी के अनुसार दुर्ग शहर विधानसभा से घरों व नालियों से प्रतिदिन सौ से अस्सी टन कचरा निकलता है। घरों में से गीले कचरे की खाद बनाई जाती है और सूखे कचरे का विक्रय हो जाता है। लेकिन नालियों से निकलने वाले कचरो को रिक्त स्थान पर डाला जाता है।

इससे पहले मैला गड्ढा के पास कचरो को डाला जाता रहा है। वहां जगह फूल हो गई है। और कचरो से उठती बदबू के कारण निगम की टीम को भी विरोध का सामना करना पड़ा है। इसके बाद निगम प्रशासन द्वारा जलाराम वाटिका के पास कचरे का संग्रहण किया जा रहा था। वहां भी कचरो की उठती बदबू की वजह से निगम का विरोध किया गया है।

बताया गया है कि वर्तमान में नगर निगम द्वारा गौठान के पास कचरे का संग्रहण किया जा रहा है लेकिन यह जगह भी अब फुल हो गई है। निगम प्रशासन द्वारा कचरे के निष्पादन के लिए शहर के सीमावर्ती क्षेत्र में जो रिहायशी कालोनी से दूर हो रिक्त जगह की तलाश की जा रही है। बताया गया है कि नेवई में भी कचरे के निष्पादन के लिए दुर्ग निगम को सहमति मिल गई है। लेकिन कचरो को पहुंचाने मे डीजल खर्च का बजट आड़े आ रहा है।

उरला में प्लांट लगाने का है प्रस्ताव
निगम प्रशासन की एम.आई.सी. में उरला में पड़ी एक रिक्त जगह को कचरे के निष्पादन के लिए उपयुक्त बताकर वहांं प्लांट लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रक्रिया में निगम को खर्च वहन करना होगा।

निगम द्वारा इसके लिए ठेकेदार की तलाश की जा रही है जो स्वयं के खर्चे से रिक्त पड़ी जगह पर बाउण्ड्रीवाल के निर्माण के साथ प्लांट लगाकर कचरे का सही उपयोग कर सके। चूंकि यह मामला सीधे तौर पर खर्च से जुड़ा है इसलिए एम.आई.सी. इस पर प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

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