जिला कलेक्टरों को फरमान जारी, उच्च स्तरीय बैठक में मोबाइल का इस्तेमाल वर्जित
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार में ब्यूरोक्रेसी के नए मुखिया सुधांश पंत ने सभी जिला कलेक्टर को एक फरमान जारी किया है। इसमें सख्त हिदायत दी गई है कि उच्च स्तर पर होने वाली बैठक में डेकोरम मेंटेन करते हुए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही फाइलों के बोझ को कम करने सहित अनेक बिंदुओं पर एक गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें प्राथमिकता के आधार पर कामकाज को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपना कार्य गंभीरता से करना है। कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं। हर कार्य महत्वपूर्ण है। संवेदनशीलता से कार्य करें। वर्क डिस्पोजल समय पर एवं नियमित रूप से होना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण एवं मेरिट पर निर्णय होने चाहिए। पत्रावलियों का निस्तारण FIFO सिस्टम से होना चाहिए। अत्यावश्यक होने पर ही इस नियम को तोड़ना चाहिए|
सभी अधिकारियों/कर्मचारियों से कार्य निष्पादन में फाइल डिस्पोजल के वर्तमान में जितने लेवल्स है, (LDC से लेकर उच्चाधिकारी तक) उनका अध्ययन करके, उन लेवल्स को कम करना चाहिए, जिससे समय की बचत हो व पत्रावलियों का निस्तारण शीघ्र हो सके। ई-फाइल सिस्टम के डिस्पोजल में डिजिटल सिग्नेचर का आवश्यक रूप से प्रयोग किया जावे, जिससे जिम्मेदारी तय रहे। सभी अधिकारी-कर्मचारियों का डिजिटिल सिग्नेचर आने वाले 7 दिवसों में बनवा दिये जाएं। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग इस काम को कराए|
हर अधिकारी/कर्मचारी को आमजन के परिवादों को सुनने के लिए उपलब्ध होना चाहिए। इसके लिए समय का निर्धारण किया जाना उचित होगा (01 से 02 घंटे)। सभी को पता होना चाहिए कि इस समय अधिकारी कार्यालय में उपस्थित है। विभिन्न विभागों में जो इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स व विकास कार्य चल रहे हैं, उनकी मॉनिटरिंग टाइमलाइन के हिसाब से होनी चाहिए कि कौनसी गतिविधि किस समय तक पूर्ण होना अपेक्षित है। विभिन्न वर्गों में पदों की भर्ती समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। ऑफिस के डेली मोनिटरिंग करने योग्य कामों की सूची बनाएं एवं उन्हें मोनिटर करते रहें। सभी तरह की मीटिंग्स के मिनट्स 24 घण्टे में जारी कर दिए जाएं।