धोखाधड़ी मामले में पुरी ITI के संचालक को 2 साल की जेल, बिना मान्यता के छात्रों को दिया था एडमिशन
दुर्ग। दुर्ग जिले की भिलाई में संचालित पुरी ITI के डायरेक्टर सतीश पुरी को दुर्ग कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में 2 साल कैद और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सतीश पुरी पर बिना मान्यता के विद्युतकार ट्रेड में आईटीआई पर 96 छात्रों को एडमिशन देकर छल करने का आरोप था। मामला जुलाई 2008 का है।
छत्तीसगढ़ के भिलाई में छात्रों से पढ़ाई के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पुरी ITI के डायरेक्टर सतीश पुरी को दुर्ग कोर्ट ने 2 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग जनार्दन खरे की अदालन ने मामले की सुनवाई की। बता दें कि पुरी आईटीआई संस्थान के संचालक और प्राचार्य सतीश पुरी ने छात्रों को एडमिशन देकर फीस वसूल की थी। उन्होंने छात्रों को विद्युतकार ट्रेड में एडमिशन तो दिया, लेकिन उस ट्रेड के लिए उसके पास महानिदेशालय रोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान नई दिल्ली से मान्यता नहीं थी। उन्होंने एडमिशन लेने के बाद उन छात्रों की परीक्षा नहीं करवाया और छात्रों ने को गुमराह करता रहा। इसके बाद छात्रों ने सुपेला थाने में शिकायत की और मामला न्यायलय तक पहुंचा. इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग जनार्दन खरे की अदालन ने आरोपी को धारा 420 का दोषी पाया है।