निगम के 42 एम.एल.डी. फिल्टर प्लांट में 2 मोटर पंप व 2 फिल्टर बेड खराब, जल्द नही सुधारा गया तो हो सकती है परेशानी

भीषण गर्मी में पेयजल संकट से निपटने कोई पूर्व तैयारी नही
दुर्ग(चिन्तक)। नगर निगम के पालीटेकनीक कालेज के समीप 42 एम.एल.डी. की क्षमता वाले सबसे बड़े प्लांट मेंं दो मोटर पंप और 2 फिल्टर बेड खराब बताए गए हैं उन्हें फिलहाल स्टैंड बाई की श्रेणी में रखा गया है और वर्तमान में पेयजल की सप्लाई भी व्यवस्थित तरीके से हो रही है लेकिन यदि इन्हें नही सुधारा गया तो गर्मी के मौैसम में पेयजल व्यवस्था प्रभा्वित हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि निगम महापौर धीरज बाकलीवाल के नेतृत्व में पेयजल व्यवस्था को सुचारू व दुरूस्त बनाने के लिए कई सकारात्मक प्रयास किए गए है जिसमें शहर के विभिन्न स्थानों में स्थित 18 पानी की टंकियों को भरने के लिए शिवनाथ नदी में चार बड़े पंप लगाने का काम शामिल है। इससें टंकियों में पानी समय पर पर्याप्त मात्रा में पहुंच रहा है। लेकिन 42 एम.एल.डी. की क्षमता वाले प्लांट में व्यवस्थाओं में कमी की बात सामने आई है। यदि समय रहते इसमें सुधार के प्रयास नही किए गए तो गर्मी के मौैसम में पेयजल संकट की स्थिति बन सकती है।

निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 42 एम.एल.डी. फिल्टर प्लांट में 8 मीटर पंप और 8 फिल्टर बेड स्थापित है। इनमें से वर्तमान में छह फिल्टर बेड और 6 मोटर पंप का उपयोग हो रहा है। इनके माध्यम से शहरवासियों को व्यवस्थित ढंग से पेयजल की सप्लाई हो रही है।

इसके अतिरिक्त दो फिल्टर बेड व दो मोटर पंप को स्टैंड बाई की श्रेणी में रखा गया है मसलन इसका उपयोग पानी की आवश्यकता बढऩे पर किया जाएगा। पता चला है कि स्टैंड बाई में रखे गए 2 मोटर पंप व 2 फिल्टर बेड खराब हो गए है और काम नही कर रहे हैं। फिल्टर प्लांट में कार्यरत एक कर्मचारी ने इसका खुलासा किया है।

यहां यह बताना लाजिमी होगा कि दो माह के बाद गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत का बढऩा स्वाभाविक है। यदि खराब हो चुके मोटर पंप व फिल्टर बेड को सुधारा नही गया तो गर्मी के मौैसम में शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
खराब नही, कनेक्शन प्राब्लम है – कोहले

नगर निगम के जल कार्य विभाग के एम.आई.सी. प्रभारी संजय कोहले का कहना है स्टेेंड़ बाई में रखे गए मोटर पंप व फिल्टर बेड खराब नही हुए है बल्कि चालू हालत में है पेनल में कनेक्शन का प्राब्लम है इसे सुधारने का काम चल रहा है और बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा।