नर्सिंग होम के विरूध्द कार्यवाही में स्वास्थ्य विभाग कर रहा है भेदभाव, छोटे पर कार्यवाही, बड़े नर्सिंग होम संचालकों पर मेहरबानी

दुर्ग(चिन्तक)। नर्सिंग होम एक्ट की आड़ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें छोटे नर्सिंग होम पर कार्यवाही की जा रही है और नियमो को ताक में रखकर चलाए जा रहे बड़े नर्सिंग होम को बख्शा नही जा रहा है। इसमें नर्सिंग होम संचालकोंं में आक्रोश की लहर व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि जिले का स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ सप्ताह से नर्सिंग होम के विरूद्ध अभियान चला रहा है इसमें नियम व कानून का उल्लंघन करके सेटिंग करने वाले नर्सिंग होम कार्यवाही के दायरे से बाहर है वहीं छोटे नर्सिंग होम के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि नर्सिंग होम के तहत तय गाइड लाइन के अनुरूप नर्सिंग होम का संचालन मुश्किल है। इसके लिए काफी कड़े नियम बनाए गए है।

इसके अलावा प्रशासनिक सहयोग नही मिलने की वजह से भी एक्ट की शर्तो को पूरा करने में दिक्कत हो रही है। इस विषय को लेकर शिकायत भी की गई है लेकिन इस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। परिणाम स्वरूप बड़े नर्सिंग होम कार्यवाही का शिकार हो रहे है। इससे नर्सिंग होम चलाने वालों मे भारी रोष की स्थिति बन गई है।

जाने किन पर हुई है कार्यवाही

स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले कुछ दिनों के अंतराल में चार नर्सिंग होम के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर उन्हें बंद करने का आदेश दिया गया है। इन संस्थाओं मेंं श्रीमन डायग्नास्टिक सेक्टर पावर हाउस भिलाई,डा. रीता बाबा क्लीनिक पावर हाउस भिलाई, सांई मेडिकल स्टोर्स,डा. ज्ञानेश मिश्रा न्यू बसंत टाकीज के पास सुपेला भिलाई एवं एसबी.एस. हास्पिटल विजय काम्पलेक्स कैंप पावर हाउस भिलाई शामिल है।

जांच दल द्वारा उक्त चारों नर्सिंग होम का अचौक निरीक्षण किया गया था। जिसमें निरीक्षण के दौरान एस.बी.एस. हास्पिटल में मेडिकल डायरेक्टर की उपलब्धता नही पाई गई एवं इससे संंबंधित दस्तावेज संस्था संचालक द्वारा जांच दल को उपलब्धता नही कराया गया। चिकित्सीय संस्थान में केवल एक एम.बी.बी.एस. डाक्टर की नियुक्ति पाई गई। जबकि 20 बेड के अस्पताल संचालन के लिए एम.बी.बी.एस. चिकित्सक होना अनिवार्य है। नगर पालिका भिलाई द्वारा जारी अनुज्ञप्ति लाइसेंस की वैधता समाप्त पाई गई अस्पताल की फार्मेंसी में फार्मेसिस्ट का भी अभाव पाया गया। एक्सरे टेक्नीशियन नही होने के साथ महिला व पुरूष के लिए अलग अलग वाशरूम भी नही था। इसी तरह तीन अन्य नर्सिंग होम में भी अनियमितता पाई गई।

बड़े नर्सिंग होम नही कर रहे एक्ट का पालन
जानकारी में ज्ञात हुआ है कि दुर्ग-भिलाई में कई ऐसे बड़े नर्सिंग होम संचालित है जो नर्सिंग होम एक्ट का पालन नही कर रहे हैं। चूंकि बड़े नर्सिंग होम संचालको के साथ जांच दल में शामिल लोगों के साथ सेटिंग है इसलिए बड़े नर्सिंग होम का कभी भी औचक निरीक्षण नही किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बड़े नर्सिंग होम संचालकों के इशारे पर ही छोटे नर्सिंग होम को शिकार बनाया जा रहा है।