हाईकोर्ट का फैसला, बेस्ट कैंडिडेट को तत्काल प्रमोशन, पढ़ें पूरी खबर

बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आरक्षक के प्रमोशन याचिका पर सुनवाई की गई। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरक्षक को बेस्ट आल राउंडर कैंडिडेट घोषित किए जाने पर उसे नियम 58 के तहत डीजीपी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को तत्काल प्रमोशन देने को कहा है।

बता दें, दुर्ग निवासी नरेश कुमार ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। इसमें कहा है कि उसकी नियुक्ति वर्ष 2007 में 13 बटालियन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल बांगो जिला कोरबा में हुई थी। नरेश कुमार वर्ष 2007-2008 में सातवीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, भिलाई में बुनियादी प्रशिक्षण में शामिल हुआ एवं प्रशिक्षण परीक्षा में टाप करने पर उसे आल राउंडर बेस्ट कैंडीडेट घोषित किया गया।

याचिका के मुताबिक नियम 58 के तहत उसे वर्ष 2008 में प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति नहीं दी गई। अधिवक्ता अभिषेक पांडेय कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विशेष सशस्त्र बल नियम 1973 के नियम 58 में यह प्रविधान है कि यदि कोई नव आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान उक्त परीक्षा में टा कर आल राउंड बेस्ट कैडेट घोषित होता है तो उसे तत्काल प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोशन प्रदान किया जाएगा। परंतु पुलिस महानिदेश द्वाराउसे प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोशन प्रदान नहीं किया गया।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष पूर्व में आरक्षक पदुम कुमार पाटनवार, सुमीत कुमा अग्निहोत्री, मुकेश पांडेय, राकेश शर्मा, चंद्रभूषण वर्मा जो पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे एवं बुनियादी प्रशिक्षण में आल राउंड बेस्ट कैडेट घोषित किए जाने पर उन्हें प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोशन प्रदान किया गया। याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका में आरक्षकों की सूची भी प्रस्तुत की है।