अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर रोक लगाने की मांग, जनहित याचिका दाखिल
प्रयागराज| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर रोक लगाने को मांग की गई है। इसको लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर शंकराचार्यों द्वारा उठाई गई आपत्तियों का हवाला दिया गया है। इसे सनातन धर्म की परंपरा के खिलाफ बताया गया है। कहा गया है कि बीजेपी आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव का लाभ उठाने के लिए यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित कर रही है। इस जनहित याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई है।
1.अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। वहां पर निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। यह प्राण प्रतिष्ठा PM मोदी के द्वारा की जाएगी। इसमें यूपी CM योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो रहे है, जो कि गलत है। याची की ओर से कहा गया है कि यह प्राण-प्रतिष्ठा गलत है। क्योंकि, सनातन धर्म के अगुवा शंकराचार्यों की ओर से इस पर आपत्ति उठाई गई है।
2. पूस महीने में कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं। 25 जनवरी 2024 को पूर्णिमा है। पूर्णिमा तक को धार्मिक आयोजन नहीं होते हैं।
3. मंदिर अभी निर्माणाधीन है। लिहाजा, मंदिर अभी अपूर्ण है। अपूर्ण मंदिर में किसी भी देवी, देवता की प्राण- प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण मंदिर में होती है।
इसके अलावा PM मोदी और CM योगी का इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना संविधान के खिलाफ है। क्योंकि, देश का संविधान भाईचारे को बढ़ावा देने वाला है। पीएम और सीएम के ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने से देश के भाईचारे की भावना को झटका लगेगा।
याची एडवोकेट अनिल कुमार बिंद ने बताया,”पीएम मोदी के कार्यक्रम पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका मंगलवार को दाखिल हो गई है। कोशिश की जाएगी कि उस पर हाईकोर्ट जल्दी सुनवाई कर याचिका स्वीकार कर ले।”