छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी नाबालिग को आजीवन कारावास की सजा, जानें पूरा मामला…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहला मामला है जिसमें किसी नाबालिग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह मामला बालौदाबाजार का है, जहां 7 साल की नाबालिग से रेप और उसकी हत्या के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाते हुए तीन लोगों को आजीवन कारावास में भेज दिया है। कोर्ट ने मामले में इस केस में अरेस्ट हुए एक नाबालिग समेत उसकी मां और पड़ोसी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
यह घटना 25 मई साल 2021 की है, जिले के पौंसरी गांव के एक कुंए में बच्ची की शव मिला था। जब पुलिस की मौजूदगी में बच्ची के शव को निकाला गया तो उसके हाथ पैर बंधे हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरु कर दी थी। पुलिस की जांच में पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है फिर उसकी हत्या की गई है। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि बच्ची अपने पड़ोसी के घर खेलने गई थी। जहां आरोपी के द्वारा उसके साथ पहले दुष्कर्म किया फिर उसे लगा कि बच्ची इस बात को किसी को बता न दे तो उसकी हत्या कर दी। इस हत्या की जानकारी उसने अपने पड़ोसी दोस्त को दी। जिसके बाद दोस्त ने के साथ आरोपी ने मिलकर उसके हाथ पैर बांधे और उसके शव को कुएं में फेक दिया। इस पूरी बात की जानकारी आरोपी की मां को भी थी, जिसने सारा सच छुपाया था।
कोर्ट की कार्यवाही के बाद मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक समीर अग्रवाल ने बताया कि इस पूरे अपराध की स्थिति को देखते हुए पॉस्को एक्ट में संशोधन किया गया है। इसके तहत 16 साल के नाबालिग पर भी मामला गंभीर होने की स्थिति में वयस्क की तरह भी केस चलाया जा सकता है। इन सब मामलों में यह शर्त होती है कि आरोपी नाबालिग मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। इस मामले में आरोपी के द्वारा सोची समझी साजिश के तहत पूरा कदम उठाया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।