निगम के सेवानिवृत्त कर्मियों को सालों से नही मिला अंतिम भुगतान, 2009 से 23 तक लगभग 300 से अधिक कर्मचारी हुए है रिटायर

दुर्ग(चिन्तक)। नगर निगम में 2009 से 2023 के बीच लगभग तीन सौ से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए है लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि निगम सालों बीत जाने के बाद भी इन कर्मचारियों का अंतिम भुगतान नहीं कर पाया है। परिणाम स्वरुप ये कर्मचारी निगम का चक्कर लगाने के लिए विवश है। निगम प्रशासन व्दारा इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।

जानकारी के अनुसार उक्त कर्मचारियों को सेवाकाल के बाद दी जाने वाली उपादान की राशि लगभग 9 करोड़ के आसपास है। इस संबंध में निगम आयुक्त व्दारा वर्ष 2018 वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में शासन को पत्र लिखकर लगभग 9 करोड़ रुपए का अनुदान मांगा गया है। लेकिन शासन स्तर पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उपादान की राशि देने बाबत कोई आदेश नहीं आया है। इसके बाद निगम प्रशासन पत्र भेजने की खानापूर्ति करके शांत बैठा है और सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी राशि के भुगतान के लिए निगम का चक्कर लगा रहे है। इन कर्मचारियों को शासन का हवाला देकर केवल घुमाया जा रहा है।
अधिकारी व लिपिक कर रहे है वसूली
निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपादान राशि का एक किश्त के रुप में न्यूनतम भुगतान कतिपय कर्मचारियों को किया गया है जो महज एक या दो लाख रुपए के आस पास है।

इस भुगतान के नाम पर निगम के अधिकारियों व लिपिक व्दारा आश्रितों से उसके एवज में मोटी रकम भी वसूले जाने की चर्चा है। बताया गया है कि एक लाख अथवा दो लाख के भुगतान के लिए 20 से 30 हजार रुपए लिए गए है। शेष लाखों में बकाया राशि शासन से मिलने के बाद देने की बात कही जा रही है।

राशि नही मिलने से कर्मियों की हालत खराब
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाला अंतिम भुगतान उसकी भविष्य की जीविका का सबसे बड़ा सहारा होता है। इसके आधार पर ही उनके जीवन के आगे की दशा और दिशा तय होती है लेकिन अंतिम भुगतान नही मिलने से इनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। निगम मुख्यालय में प्रतिदिन कोई न कोई कर्मचारी अपने आश्रितोंं के साथ चक्कर लगाता हुआ दिखाई देता है।

60 से 70 सेवा निवृत्त कर्मियों की हुई मौत
निगम से रिटायर हुए तीन सौ अधिक कर्मचारियों में से 60 से 70 कर्मचारियो की मौत हो चुकी है। इनके आश्रित अंतिम भुगतान के लिए चक्कर काट रहे है। वर्तमान में मौजूद कई कर्मी ऐसे है जो बीमार है। इन्हें दवा के लिए पैसे जुटाने दूसरों पर मोहताज होना पड़ रहा है। इनकी भी निगम प्रशासन में कोई सुनवाई नही हो रही है।

क्या ब्याज के साथ होगा अंतिम भुगतान
उपादान की राशि के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों नेे जो आवेदन लगाया है इसके तहत भुगतान के राशि की गणना 2 से 8 लाख रू तक की गई है। अर्थात किसी को दो लाख किसी को पांच लाख किसी को 8 लाख दिया जाना है।

नियमानुसार सेवानिवृत्ति के बाद ही इसका भुगतान हो जाना था लेकिन इसके लिए 8 से 10 साल से ज्यादा का विलंब हो गया है। अब यह प्रश्न उठता है कि क्या निगम इस राशि का भुगतान ब्याज के साथ करेगा। भुगतान में विलंब निगम प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता है।