नेत्र विभाग के स्टाफ को सिविल सर्जन ने जारी किया सरकुलर, पैसा लेकर बाहर से लैंस लाकर लगाने का मामला आया था सामने

दुर्ग(चिन्तक)। जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में पैसा लेकर बाहर से लैंस लगाने के मामले में सिविल सर्जन डा.ए.के. साहू ने विभाग के पूरे स्टाफ को सरकुलर जारी करके ऐसा नही करने की चेतावनी दी है और भविष्य में शिकायत मिलने पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि दैनिक चिन्तक ने 31 जनवरी के अंक में इस आशय की खबर का प्रकाशन प्रमुखता से किया था जिसमें जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में मरीजो को बाहर लैंस लाकर लगाए जाने की शिकायत सामने आई थी।

जिला अस्पताल में नेत्र से संबंधित आपरेशन में नि:शुल्क लैंस लगाने की व्यवस्था शासन द्वारा बनाई गई है। लेकिन अस्पताल मे नेत्र का आपरेशन करने वाले चिकित्सक मरीजो से पांच हजार लेकर बाहर से लैंस लाकर लगाने का काम कर रहे थे। इसमें दस जनवरी को पांच मरीजों से पांच पांच हजार लेकर लैंस लगाने का मामला सामने आया था।

जिसमें एक डी.एम.एफ फंड से नियुक्त चिकित्सक व संविदा पद का कार्यरत चिकित्सक के विरूद्ध नामजद शिकायत की गई थी। यही नही नेत्र विभाग का स्टाफ वार्ड में साफ सफाई के नाम पर भी प्रत्येक मरीजों से 50 में से सौ रूपए वसूल रहा था।

सर्वसुविधायुक्त और बेहतर श्रेणी की कतार में शामिल जिला अस्पताल की छवि भी प्रभावित हो रही थी। इस मामले में शिकायत सामने आने पर सिविल सर्जन डा. एन.के. साहू व नेत्र प्रभारी संगीता भाटिया ने अनभिज्ञता जाहिर की थी और पतासाजी करने के उपरांत कड़ी कार्यवाही करने की बात कही थी लेकिन पैसा लेने वाले चिकित्सको के विरूद्ध जांच व कार्यवाही करने की खबर नही है।

मरीजों से पैसा मांगा तो होगी कार्यवाही
सिविल सर्जन द्वारा सरकुलर जारी करने के बाद नेत्र विभाग में हड़कंप मच गया है। कमीशन के चक्कर में पैसा लेकर बाहर से लैंस लाकर लगाने की गतिविधि पर फिलहाल रोक लगी है लेकिन इस पर लगातार मानिटरिंग किए जाने की जरूरत है बताया गया है कि मरीज को जब आपरेशन के लिए भर्ती कराया जाता है तब नेत्र विभाग के स्टाफ अस्पताल में उपलब्ध नि:शुल्क लैंस को हल्का व खराब बताकर मरीज को बाहर से लैंस खरीदने ब्रेनवाश करना शुरू कर देते थे। जिससे मरीज पांच हजार रूपए खर्च करने के लिए विवश हो जाता था।

दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध कोई जांच नही
जिला अस्पताल मे पैसा लेकर लैंस लगाने के मामले में डा. कल्पना जैफ व डा. कोसरिया के विरूद्ध शिकायत सामने आई थी। इस मामले में दोषी चिकित्सकों के विरू द्ध अभी तक कोई जांच नही की गई है बल्कि औपचारिकता पूरी करने सरकुलर जारी कर दिया गया है। दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध किसी भी तरह की जांच व कार्यवाही करने के नाम पर अस्पताल प्रबंधन के हाथ पांव फूल रहे हैं। इससे व्यवस्था में सुधार की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।