कोरोना महामारी के वक्त भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में लगी है भाजपा : सोनिया गांधी
सीडब्ल्यूसी बैठक में सोनिया ने किसानों एवं एमएसएमई को शीघ्र राहत देने की मांग उठाई
नई दिल्ली । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भाजपा पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी के समय भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और नफरत का वायरस फैलाना जारी रखे हुई है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने न सिर्फ भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया बल्कि कोरोना के खिलाफ जंग में मोदी सरकार की रणनीति पर भी हमला बोला। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि पीपीई और टेस्टिंग को लेकर कांग्रेस के सुझावों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोनिया गांधी ने भाजपा का नाम लेकर आरोप लगाया कि जब कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होकर निपटा जाना चाहिए, उस वक्त भी भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों और नफरत के वायरस को फैलाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इससे हर भारतीय को चिंतित होना चाहिए। सोनिया ने देश में कोरोना वायरस के फैलने और उसकी रफ्तार पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का पिछले तीन हफ्तों में चिंताजनक रूप से प्रसार बढ़ा है और उसकी गति तेज हुई है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से समाज के हर तबके खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी मजदूरों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेड, कॉमर्स, इंडस्ट्री सब कुछ ठहर चुकी हैं और करोड़ों लोगों की आजीविका के साधन खत्म हो चुके हैं।
केंद्र सरकार पर लगाया आंशिक कदम उठाने का आरोप
सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर कोरोना संकट से निपटने के लिए आंशिक कदम उठाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत की घोषणा की जाए। कांग्रेस कार्य समिति(सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और ऐसे में लोगों की मदद के लिए उनके खातों में 7500 रुपये भेजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तीन हफ्ते पहले हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद से अब तक कोरोना महामारी ज्यादा फैल गई है जो परेशान करने वाली बात है। समाज के हमारे कुछ वर्गों खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा है।’
उनके मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है और करोड़ों लोगों की जीविका का साधन छिन गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीई किट की संख्या कम और गुणवत्ता खराब है। सोनिया ने कहा, ‘किसान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उपज की खरीद की कमजोर और अस्पष्ट नीतियों और बाधित आपूर्ति के मुद्दों का बिना विलंब किए समाधान करने की जरूरत है। खरीफ की फसल के लिए किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। बेरोजगारी आगे बढ़ सकती है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। ऐसे में हर परिवार को 7500 हजार रुपये प्रदान करने की जरूरत है।’ सोनिया ने सरकार से आग्रह किया, ‘एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी।’