पूर्व मंत्री लखमा का आवास खाली कराने पर हाईकोर्ट की रोक
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस के विधायक कवासी लखमा को आवंटित शासकीय बंगला खाली कराने के आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल, मंत्री रहते उन्हें जिला मुख्यालय में एसपी बंगले के पास आवास दिया गया था। सरकार बदलते ही जिला प्रशासन ने उन्हें बंगला खाली कर दूसरी मकान आवंटित किया है, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
विधायक लखमा ने इस आदेश को अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि याचिकाकर्ता धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विधायक हैं और बस्तर जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र से आते हैं।
छह बार के विधायक याचिकाकर्ता पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे हैं। उन्हें सुकमा जिला मुख्यालय में एसपी बंगले के पास फारेस्ट कॉलोनी में एफ-6 मकान आवंटित किया गया है। अब राज्य में सरकार बदल गई है, जिसके कारण उन्हें सरकारी आवास खाली कर दूसरी जगह मकान आवंटित किया गया है। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को आवास आवंटन का नियम प्रस्तुत करने को कहा था। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट की तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आवास खाली कर उसे बदलने के आदेश पर रोक लगा दी है। नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अब जिला प्रशासन ने उनके इस सरकारी आवास को भाजपा के विधायक व मंत्री केदार कश्यप भी आवंटित कर दिया गया है, जिस पर उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए मकान खाली कराने व बदलने के आदेश को निरस्त करने कीम मांग की है।