ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी ,500 रुपये के लिए दोस्त ने उतारा मौत के घाट
मुंगेली। पुलिस को एक ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने में बड़ी कामयाबी मिली है. यह एक ऐसा मर्डर केस था जिसकी मर्डर मिस्ट्री सुलझने के बाद एक पल के लिए पुलिस भी हैरत में पड़ गई. दरअसल, इस हत्याकांड को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि मृतक के दोस्त ने ही महज 500 रुपये के लिए दिया है.
मृतक हंसराम का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने आरोपियों में से एक आरोपी अमरदीप का मोबाइल 500 रुपये में गिरवी रखा और उसी पैसे से तीनों ने मिलकर शराब पी, जिसके बाद मोबाइल में कॉल आने पर आरोपी अमरदीप ने मृतक हंसराम से मोबाइल फोन को मांगा.
जिस पर उसने देने से मना किया और कहने लगा कि गिरवी की रकम लौटा दो और मोबाइल लेलो, जिसको लेकर तीनों की बीच में विवाद होने लगा. विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी अमरदीप ने मृतक के जबड़े में डंडे से वार कर बेहोश किया और उसपर प्राणघातक हमला कर दिया.
जिसके बाद दोनों आरोपी ने लाश को छिपाने तालाब में फेंक दिया. वहीं मृतक के जेब से आरोपियों ने पैसे भी निकाले है. आखिर कार सीसीटीवी टीवी कैमरे और अन्य तकनीकी मदद से पुलिस ने मामले पर से पर्दा उठा दिया हैं.एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल ने बताया कि योगेश कुमार जांगड़े पिता हंसराम जांगड़े ने थाना मुंगेली में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके पिता हंसराम जांगड़े 22 फरवरी को तिवरा बेचने मुंगेली गया था.
जहां मृतक ने सामान खरीदकर प्रार्थी और उसके बच्चों को सामान देने के बाद प्रार्थी अपने बच्चों के साथ निवास ग्राम अनंतपुर थाना फास्टरपुर वापस आ गए. प्रार्थी के पिता हंसराम जांगड़े मुंगेली में ही रूक गये थे, जो देर रात वापस नहीं आए. जिसके बाद परिजनों और रिश्तेदारों से पता करने पर भी कोई पता नहीं चला. जिसपर सिटी कोतवाली थाने में गुम इंसान दर्ज कर पता तलाश शुरू किया गया.
पतासाजी के दौरान 27 फरवरी को ग्राम ढेढ़ाधौरा शासकीय तालाब में एक व्यक्ति का शव पाया गया. जिसकी सूचना पर प्रार्थी योगेश कुमार जांगड़े ने घटना स्थल पर पहुंचकर कपड़े, फूलपेंट और हाथ का चूड़ा से अपने पिता हंसराम जांगड़े के रूप में पहचान कार्रवाई की गई. प्रकरण की विवेचना के दौरान घटना स्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया. मृतक का शव दो-तीन दिन पुराना था, जिसके पैर को जानवरों के नोचे जाने से पैर का केवल हड्डी दिखाई दे रहा था ।