बेदखली का नोटिस मिलने के बाद लामबंद हुए कपड़ा व जूता व्यवसायी, व्यवस्था की मांग को लेकर इंदिरा मार्केट के व्यापारी आयुक्त से मिले

दुर्ग(चिन्तक)। नगर निगम के बेदखली का नोटिस मिलने के बाद इंदिरा मार्केट के कपड़ा और जूता व्यापारी लामबंद हो गए है। व्यापारियों ने बीते दिन व्यवस्थापन की मांग को लेकर निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर से चर्चा की आयुक्त ने व्यापारियों को कलेक्टर से चर्चा के बाद इसका निराकरण करने का आश्वासन दिया है।

जानकारी के अनुसार पटेल चौक से इंदिरा मार्केट के बीच कपड़ा व जूता के ,साथ तरह तरह की अनेक दूकानें संचालित है। निगम प्रशासन ने इसे बेजा कब्जा मानते हुए हटाने के लिए एक मार्च को नोटिस जारी किया था।

नोटिस में कहा गया है कि तीन दिवस के भीतर वे अपना सामान दूकान गुमटी हटा लें अन्यथा निगम प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाएगी। इसी मुद्दे पर फुटकर व्यापारी संघ के अध्यक्ष सैय्यद रजब अली के नेतृत्व में व्यापारी आयुक्त से मिले। सैय्यद रजब अली के ने बताया कुल 132 दूकान संचालित है। उनमें से केवल 18 लोगों का ही व्यवस्थापन हुआ है।

वहीं दूसरी ओर निगम आयुक्त ने कहा कि उनकी जानकारी में 76 लोगों का व्यवस्थापन किया जा चुका है। व्यवस्थापन को लेकर विरोधा भास की स्थिति निर्मित हुई। आयुक्त ने कहा है कि मामले की पड़ताल के बाद ही उचित कार्यवाही की जाएगी। फुटकर व्यापारी संघ के अध्यक्ष सैय्यद रजब अली ने बताया कि 12 मार्च 2018 को इससे पहले उन्हेंं बेदखल किया गया था तब इस बेदखली को लेकर कोर्ट की शरण में जाना पड़ा।

उन्होने बताया कि उच्च न्यायालय ने 21 मई 2020 को अंतिम आदेश दिया कि जिन लोगों का पुर्नव्यवस्थापन नही हुआ है उन्हें नगर निगम तीन सप्ताह के अंदर अभ्यावेदन के आधार पर निर्णय लेकर व्यापारियों को राहत प्रदान करें लेकिन नगर निगम ने ऐसा नही किया।

फुटकर व्यापारियों का कहना है कि नेचुरल मार्केट के आसपास ही उनका व्यवस्थापन किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होने पुराना आयुर्वेदिक हास्टिल पी.डब्लू.डी. के जर्जर क्वाटर तथा टीवी अस्पताल के पीछे की जगह का सुझाव दिया है। इधर निगम आयुक्त ने निगम के अधिकारियों से व्यवस्थापन के विषय में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। आयुक्त से चर्चा के दौरान व्यापारियों में सत्यानारायण पांडे, प्रेमचंद जैन, श्रीधर काले, जमाल खान, लक्ष्मी ताम्रकार सहित अन्य मौजूद थे।
लंबे समय से व्यापार कर रहे हैं-वोरा
इंदिरा मार्केट में कपड़ा व जूता के साथ अन्य व्यवसाय से जुड़े लोग लंबे समय से व्यापार कर रहे हैं। इस व्यवसाय से उनके परिवार का भरण पोषण हो रहा है। यदि उन्हें दूसरी जगह भेज दिया गया तो उनकी जीविका का सहारा खत्म हो जाएगा। इसलिए बाजार के समीप ही इनका व्यवस्थापन जरूरी है। इस संवेदनशील मामले का सकारात्मक हल निकाला जाना जरूरी है। व्यापारियो की मांग गौर करने लायक है।