केंद्रीय कर्मचारियों का डीए फ्रीज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के द्वारा सरकारी कर्मचारियों का डीए फ्रीज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सेना के सेवानिवृत मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा है कि एक जनवरी 2020 से प्रभावी रूप से “डीए या महंगाई भत्ता” लोगों के लिए अपूरणीय क्षति हो सकता है, वह भी ऐसे समय में जब कोविद 19 महामारी ने अपने पैर पसारे हैं।

याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को तुंरत सेवारत और रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को डीए देने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि सरकार को किसी भी बिजनेस हाउस या औद्योगिक इकाई को किसी तरह की वित्तीय सहायता देने पर रोक लगाने के आदेश दिए जाएं।

हिमाचल में रहने वाले गुलेरिया ने याचिका में कहा है कि भारत सरकार के सचिव वित्त, नई दिल्ली के माध्यम से जारी ये आदेश मनमाना है और इससे लाखों पेंशनधारी प्रभावित होंगे। डीए या महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में किया जाना था, लेकिन जानबूझकर भुगतान नहीं किया गया और 20 अप्रैल 2020 को ये फ्रीज कर दिया गया।

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