प्रधानपाठकों को मिला खुला प्रश्रपत्र-पैकेट की गोपनीयता पर सवाल? देखिये वीडियो

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डोंगरगांव| वर्ष भर मेहनत करके शिक्षक व बच्चे वार्षिक परीक्षा की तैयारियां करते हैं और ऐन परीक्षा के मौके पर अपनी सुविधा के अनुसार गोपनीय रखे प्रश्न पत्र को पैकेटों से खोलकर प्रधानपाठकों को बांट दिया गया है| ऐसे में आधा पैकेटों में और आधा पैकेट खोलकर बांटे गए प्रश्रपत्र पर अनेक सवाल उठ रहे हैं| ज्ञात हो कि शासन व्दारा आयोजित होने वाले जिला स्तरीय वार्षिक परीक्षा को लेकर लापरवाही सामने आयी है| यह मामला बीजाभांठा संकुल का है जिसके प्रभारी संकुल समन्वयक सुदामा साहू ने प्रश्रपत्रों की गोपनीयता भंग करते हुए प्रश्रपत्र व उत्तरपुस्तिका के पैकेट खोलकर वितरण कर दिया है| अब इस बात की पुष्टि स्वयं संकुल समन्वयक ने कर दी है और अपनी गलती मान भी रहे हैं लेकिन इस बड़ी चूक का खामियाजा पूरे जिले के बच्चों को भुगतना पड़ सकता है और प्रधानपाठकों व्दारा सावधानी नहीं बरती गई तो वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र सार्वजनिक हो सकते है|

जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा विभाग द्वारा डोंगरगांव ब्लॉक में प्रश्र पत्र की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई गई है| जिसमें पहले तो सभी स्कूलों से कक्षावार दर्ज संख्या मांगी गई थी और मांग से कहीं अधिक प्रश्रपत्र के पैकेट ब्लॉक में वितरित किया गया है| जिसमें प्रश्र पत्र का गोपनीय पैकेट ५, १०, २०, ३० व ५० की संख्या के आधार पर तैयार किया गया है| विभाग व्दारा इतनी व्यवस्था के बाद भी सील बंद लिफाफा को खोलकर प्रश्र पत्रों को बांटा जाना संकुल संमन्वयक की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है|

बता दें कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों की परीक्षाएँ 1 अप्रैल सोमवार से प्रारंभ हो गई है, जो कि आगामी 8 अप्रैल तक संचालित होगी| इसके लिए जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के द्वारा सभी ब्लॉक में प्रश्रपत्र व उत्तरपुस्तिका का सील बंद पैकेट को परीक्षा के निर्धारित समय के पूर्व नहीं खोले जाने का निर्देश बड़े बड़े अंग्रेजी अक्षरों में लिखा गया है और पैकेट लेने वाले संंबंधितों के लिए निर्देश है कि सीलबंद पैकेट ही स्वीकार करें, इसके बावजूद पैकेट को खोलकर खुला प्रश्रपत्रों का वितरण किया गया है| इन प्रश्रपत्र पैकेटों को खोलने के पहले निरीक्षक, केन्द्र अधीक्षक और गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर लेकर पर्यवेक्षक परीक्षा कार्यालय में खोला जाना चाहिए लेकिन पैकेटों में लिखे गए सभी दिशा निर्देशों की अनदेखी करते हुए गोपनीय पैकेट को जानबूझकर खोला गया और बांटा गया है जो कि शासन और अधिकारियों के निर्देशों का खुला उल्लंघन है| जिसके चलते शिक्षा विभाग की छवि तो खराब हो ही रही है, साथ ही ब्लॉक मुख्यालय में बैठे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं| अब देखना यह कि इस गंभीर मामले में प्रशासन या शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करती है ?

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