नवरात्रि पर्व में डोंगरगढ़ पैदल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी, पंचमी से अष्टमी तक रहती है भीड़, गर्मी की वजह से रात्रि मेंं निकलते हैं पदयात्री
दुर्ग(चिन्तक)।9 से 17 अप्रेल तक भक्ति की प्रतीक मां दुर्गे का नवरात्रि पर्व आयोजित है। छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ में से एक मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में पैदल तीर्थयात्री दुर्ग भिलाई से रवाना होते हैं। 13 अप्रेल को पंचमी व 16 अप्रेल को अष्टमी है। इन दोनो तिथियोंं मे दर्शन के लिए भारी तादाद में लोग रवाना होते है। पैदल तीर्थ यात्रियों से बचाने भारी एहतियात की दरकार है।
यहां गौरतलब है कि गर्मी के मौसम मेें पडऩे वाली चैत्र नवरात्रि मेें पैदल तीर्थयात्री धूप के खत्म होने के बाद शाम को रवाना होते है और रात भर रूक रूक कर चलकर डोंगरगढ़ पहुंचते है। सबसे ज्यादा भीड़ पहले दिन के बाद पंचमी और अष्टमी के लिए रहती है।
पैदल तीर्थयात्रियों में कुछ लोग जहां अपने मित्र व परिचितो के साथ तो कुछ लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ रवाना होते हैं भिलाई से डोंगरगढ़ के बीच जगह जगह समाज सेवियों द्वारा पंडाल बनाए गये हैं जहां उनके नाश्ते, भोजन, जलपान के साथ ठहरने की व्यवस्था की गई है।
भिलाई से डोंगरगढ़ तक जाने वाला मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग है। बंबई से कलकत्ता को जोडऩे वाले इस मार्ग में भारी वाहनो के साथ बसों व अन्य वाहनो का आवागमन 24 घंटे बना रहता है। यह सबसे व्यस्ततम मार्गो में से एक है। पैदल तीर्थ यात्री भी इसी मार्ग से यात्रा करते है।
इस परिस्थिति में पैदल यात्रा करने वालों की सड़क दुर्घटनाओं से बचने भारी एहतियात बरतने की जरूरत है। नौ दिनो तक का समय पुलिस प्रशासन व यातायात पुलिस के लिए बेहद चुनौती पूर्ण है। वर्तमान में चुनाव का समय है इसलिए पुलिस पर जिम्मेदारियों का बोझ अपेक्षाकृत बढ़ गया है।
पदयात्रियों के लिए नयारूट तैयार
पुलिस प्रशासन ने डोंगरगढ़ पैदल तीर्थयात्रियों के लिए नयारूट तैयार किया है। पदयात्री पावर हाउस से टाउनशीप होते हुए पटेल चौक और वहां से पुलगांव अंजोरा बाईपास होते हुए डोंगरगढ़ जाएंंगे इसके लिए जगह जगह बैरिकेटिंग की जा रही है और बांस बल्ली लगाकर उनके जाने वाले मार्ग को सुरक्षित बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पूरे मार्ग पर पुलिस का पेट्रोलिंग वाहन भ्रमण करेगा। पदयात्रियो को पुलिस प्रशासन द्वारा रेडियम का स्टीकर लगाने कहा गया हैै और डार्क कलर का कपड़ा नही पहनने की अपील की गई है। इसके साथ साथ उन्हें सड़क पर विश्राम नही करने की सलाह दी गई है। वाहन चालको से रात्रि मे अनिद्रा की स्थिति मेें सावधानी बरतने के लिए भी कहा गया है।
भारी वाहनो की गति पर नियंत्रण जरूरी
राष्ट्रीय राजमार्ग में भारी वाहनो का दबाव ज्यादा रहता है। रात के समय गति पर नियंत्रण भी बराबर नही रहता। इससे पैदल तीर्थयात्रियों पर खतरे की स्थिति बनी रहती है। हालांकि पुलिस प्रशासन ने पूरे 9 दिन तक 24 घंटे के लिए चार पेट्रोलिंगवाहन की व्यवस्था बनाई है लेकिन भारी वाहनो की गति पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।