कोयला घोटाले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज, 16 महीने से जेल में है बंद
रायपुर। सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। मंगलवार को दूसरी जमानत याचिका पर रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया। पूर्व सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया 16 महीनों से कोल स्कैम में जेल में बंद है। 12 अप्रैल को राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया की सेकंड बेल एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं आज उनकी याचिका खारिज कर दी गई है। सौम्या चौरसिया के वकील कैलाश भादुड़ी ने बच्चों की परवरिश के आधार पर बेल मांगी थी। वहीं ED की ओर से विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडेय ने केस की पैरवी की थी।
पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। इससे पहले कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने पर उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। वहीं बिलासपुर हाईकोर्ट में भी चौरसिया की ओर से लगाई गई जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
सौम्या चौरसिया पर क्या है आरोप?
दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रर्वतन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। ED के अनुसार कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी के ऊपर सौम्या चौरसिया का हाथ था। ED ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। ED का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था। इस लेवी से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं।