इंडसइंड बैंक का चौथी तिमाही में मुनाफा 16 फीसदी घटा

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नई दिल्ली । बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च 2020 में निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक का मुनाफा 16 फीसदी घटकर 301.74 करोड़ रुपए रह गया। फंसे कर्ज के लिए ऊंचा प्रावधान किए जाने की वजह से बैंक के मुनाफे में कमी आई है। वहीं इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 360.10 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। इस संदर्भ में बैंक ने शेयर बाजारों को सूचना भेजी। बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी एकल कुल आय बढ़कर 9,158.57 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7,550.43 करोड़ रुपए रही थी। चौथी तिमाही में बैंक का डूबा कर्ज और अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए प्रावधान बढ़कर 2,440.32 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,560.69 करोड़ रुपए था। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक का एनपीए बढ़कर कुल ऋण का 2.45 फीसदी हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2.10 फीसदी थी। हालांकि तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 0.91 फीसदी रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1.21 फीसदी पर था। इस संदर्भ में इंडसइंड बैंक ने कहा कि 31 दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में उसने दो इकाइयों पर बकाया 960.89 करोड़ रुपए की पहचान धोखाधड़ी के रूप में की। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के तहत उसने इसके लिए जरूरी प्रावधान किए। इंडसइंड बैंक की चीफ सुमंत कठपालिया के अनुसार उसकी संपत्ति की गुणवत्ता कोविड -19 प्रभाव से निपट सकेगी क्योंकि इसके कर्जदार मजबूत हैं। करीब 75 फीसदी ग्राहकों ने लोन की ईएमआई में तीन महीने की मोहलत लेने के विकल्प का चयन किया है। इसके साथ ही खुदरा डिपॉजिट भी बढ़ा है।

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