दुर्ग लोकसभा में कांग्रेस व भाजपा ने जीत के लिए झोंकी ताकत, साहू समाज की भूमिका होगी प्रभावी या मोदी की गारंटी पर लगेगी मुहर
दुर्ग (चिन्तक)। दुर्ग लोकसभा में मतदान के लिए अब महज पांच दिन का समय शेष रह गया है। भाजपा इस सीट पर जहां दूसरी बार कब्जा जमाने के लिए प्रयासरत है वहीं कांग्रेस वर्ष 2014 का इतिहास दुहराने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रही है। लोकसभा चुनाव के लिए 7 मई मंगलवार को मतदान होना है। दुर्ग में भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद विजय बघेल है। वहीं कांग्रेस ने युवा व नये चेहरे के रूप मेंं राजेन्द्र साहू को मैदान में उतारा है। मोदी लहर के दौर में कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। मुकाबला कड़ी टक्कर का बनता दिखाई दे रहा है।
यहां गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के राज्य के रूप में अस्तित्व मे आने के बाद अब तक साहू समाज से जो भी उम्मीदवार राष्ट्रीय दल का प्रत्याशी रहा है उसे दुर्ग लोकसभा में जीत मिलती रही है। इसमें भाजपा से उम्ंमीदवार रहे स्व. ताराचंद साहू व कांग्रेस के उम्मीदवार रहे ताम्रध्वज साहू शामिल है। अब कांग्रेस मे राजेन्द्र साहू उम्मीदवार है। साहू प्रत्याशी की जीत का कारण दुर्ग लोकसभा में साहू समाज की बहुलता रही है। यदि साहू समाज अपने प्रत्याशी के लिए एक जुट हुआ तो राजेन्द्र के लिए जीत आसान हो सकती है।
वहीं भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि जीत का सबसे बड़ा आधार है। इसके अतिरिक्त राज्य में भाजपा की सरकार के सत्तासीन होने का भी पूरा लाभ मिलने की संभावना है। किसानो को धान खरीदी का एक मुश्त भुगतान, महतारी वंदन योजना भाजपा के लिए मोदी लहर के साथ बोनस का काम कर रही है।
कांग्रेस व भाजपा दोनो पार्टियों ने इस चुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग लोकसभा में कांग्रेस को जीताने सक्रिय हो गए है। इससे कांग्रेसजनो का आत्म विश्वास बढ़ गया है। दुर्ग शहर में पूर्व विधायक अरूण वोरा. महापौर धीरज बाकलीवाल सभापति राजेश यादव पूर्व महापौर आर.एन.वर्मा युद्धस्तर पर सक्रिय है।
भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल लोकसभा सांसद होने से पहले विधायक व संसदीय सचिव भी रह चुके है। वहीं कांग्रेस के युवा प्रत्याशी राजेन्द्र साहू युवावस्था से राजनीति व समाज सेवा मे सक्रिय है और महापौर और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके है। कांग्रेस के शासन काल मेंं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का अध्यक्ष रहते हुए पूरे दुर्ग लोकसभा क्षेत्र की विधान सभाओँ में उन्होने अपना बड़ा नेटवर्क बना रखा है।
बहरहाल मुकाबला रोचक व दिलचस्प हो गया है। मतदान के लिए शेष रह गयी समयावधि को देखकर दोनो दल नई नई रणनीति बना रहे है। जो भी प्रत्याशी अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थको को मतदान केन्द्र तक लाने में सफल होगा वही जीत का हकदार बनेगा।