जिला अस्पताल में आपरेशन के बाद नेत्र के मरीजों को नही मिल रहा है चश्मा, लैंस व आपरेशन के समान के सेट की भी कमी, नही की गई डिमांड
दुर्ग (चिन्तक)। जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में भारी अव्यवस्था का आलम है नेत्र का आपरेशन कराने पहुंचे मरीजों को चश्मा नही दिया जा रहा है। लैंस व आपरेशन के इस्टुमेन्ट की भी कमी है। परिणाम स्वरूप नेत्र का उपचार कराने आए मरीजों को सरकारी सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा है।
यहां गौरतलब है कि जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का आपरेशन के बाद चश्मा दिए जाने का प्रावधान है। शासन द्वारा यह सुविधा बनाई गयी है लेकिन पिछले कई दिनों से नेत्र का आपरेशन करा रहे मरीजों को चश्मा नही दिया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई नंंबर के लैंस की भी कमी है। आपरेशन में हर मरीजों को उनके नंबर के हिसाब से लैंस लगाया जाता है। इनमें कई नंबर के लैंस अस्पताल में उपलब्ध ही नही है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि नेत्र विभाग में आपरेशन इस्टुमेन्ट के सेट की भी कमी है जबकि हर मरीजों के लिए अलग अलग इस्टुमेन्ट सेट का इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रो का कहना है कि नेत्र से संबंधित संवेदनशील मामले में हो रही सामानों की कमी की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा कोई पहल नही की जा रही है। सी.एम.ओ. अथवा सिविल सर्जन को भी इससे अवगत नही कराया गया है। जबकि आपात स्थिति मेंं सीधी खरीदी करने का अधिकार स्वास्थ्य विभाग के पास सुरक्षित है लेकिन इसके लिए भी कोई पहल नही की गई है परिणाम स्वरूप इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
बजट आबंटन मेंं देरी से हुई कमी-डा. भाटिया
जिला अस्पताल की नेत्र विभाग की प्रभारी डा. संगीता भाटिया का कहना है कि आचार संहिता के लागू होने की वजह से बजट का आबंटन नही हो पाया है इसलिए आवश्यक सामानों की पूर्ति नही हो पाई है। उन्होने कहा आपरेशन के बाद नंबर का चश्मा डेढ से दो माह बाद दिया जाता है।
तत्काल दिए जाने वाले चश्में की कमी है। कई नंबर के लैंंस का भी अभाव है। जिला अस्पताल में नेत्र के आपरेशन का टारगेट पूरा किया जा रहा है। सामानो की कमी की जानकारी सी.एम.ओ. व सिविल सर्जन को दे दी गई है। शीघ्र ही चार पांच दिनों के भीतर इसकी पूर्ति कर ली जाएगी।
विलंब हुआ तो सीधी खरीदी करेंगे-नायक
जिला अस्पताल के नेत्र सहायक राजेन्द्र नायक का कहना है कि बजट के आबंटन के बाद टेंडर होगा इसके लिए समय लगेगा ज्यादा विलंब होने पर सी.एम.ओ. द्वारा नोडल अधिकारी के माध्यम से सीधी खरीदी की व्यवस्था है। यदि ज्यादा देर हुआ तो सामानों की सीधी खरीदी की जाएगी। सामानों की पूर्ति में पंद्रह दिन का समय लग सकता है। उन्होने आगे कहा कि नेत्र विभाग में व्यवस्था शीघ्र सुधर जाएगी।