विशाल संगीतमय साहित्य सम्मेलन में देश के कोने-कोने से साहित्यकार हुए शामिल,  रौनक जमाल व्दारा लिखित पांच पुस्तको का हुआ विमोचन 

दुर्ग(चिन्तक)। शनिवार दिनांक 25 मई 2024 को दुर्ग के होटल गारनेट इन में आज तक का सबसे बड़ा साहित्य सम्मलेन हर्षोउल्लास संगीतमय होने पर दशकों को मन ही मन थिरकने पर मजबूर कर दिया भारत के उर्दू भाषी साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल के 70 वें जन्म दिवस के अवसर पर देश के कोने-कोने से साहित्यकारों का छत्तीसगढ़ की माटी में आकर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपनी अविस्मरणीय भूमिका निभा कर सम्मेलन के सफलता में चार चाँद ला दिये ।
इस अवसर पर नागपुर से आये वकिल नजीब साहब ने रोनक जमाल के 51 वर्षीय साहित्यिक जीवन पर रौशनी डालते हुए यह शब्द यकिन के साथ कहे कि आपके छत्तीसगढ़ का लाल डॉ. रौनक जमाल छत्तीसगढ़ का नाम भारत एवं उपमहाद्वीप मे ही नही सारी दुनिया में रौशन कर रहा है।
गारनेट इन के विशाल सभागृह में दिल्ली कि बाल साहित्य सोसायटी ऑल इण्डिया अदमने इत्फ ाल सोसायटी के पदाधिकारियों ने दुर्ग पधारकर गारनेट इन होटल के विशाल सभागृह में शानदार जश्न का आयोजन किया सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद सिराज अजीम साहब एवं संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल मन्नान सहाब दिल्ली से विशेष तौर पर पधारे थे शानदार आयोजन कि कमान दुर्ग के उद्योगपति कैलाश जैन बरमेचा ने संभाली ।

इस अवसर पर जमाल कि पांच पुस्तको का विमोचन भी किया गया एवं असबाक पुना तीमाही पत्रिका के जमाल पर विशेष अंक का भी विमोचन किया गया उपमहाद्वीप लघुकथा कि दोमाही पत्रिका अफसानागुमा के चौथे अंक का विमोचन डॉ. रौनक जमाल के करकमलो द्वारा किया गया ।
आलीशान जलसे की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ उर्दू एकेडमी के अध्यक्ष इदरिस गांधी ने की कार्यक्रम का संचालन नागपुर से पधारे मुश्ताक बेबाक ने किया जमाल के लघुकथा संग्रह चालीस आदमी का विमोचन औरंगाबाद से पधारे अफसान्यानुमा के सम्पादक डॉक्टर अफसर साहब ने किया लघुकथा संग्रह लक्ष्मण की आँखों का विमोचन नागपुर के बाल उपन्यासक वकिल नजिब ने किया बात कहानियों के संग्रह लाल बाल किताब का विमोचन हैदराबाद से पधारे महमूद शाहिद के करकमलो द्वारा किया गया बाल कहानी संग्रह मेढक कि वफादारी का विमोचन नागपुर से पधारे ख्वाजा रब्बानी डायरेक्टर पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया तीसारे बाल कहानी संग्रह ईद के दिन का बादशाह का विमोचन दिल्ली से पधारे मोहम्मद सिराज अजीम द्वारा किया गया अजवाक पत्रिका पुना द्वारा रौनक जमाल पर प्रकाशित अंक का विमोचन छत्तीसगढ़ उर्दू एकेडमी एवं जलसे की अध्यक्षता कर रहे इदरिस गांधी द्वारा किया गया ।

नागपुर कि साहित्य समिति तुर्फा कुरैशी द्वारा जमाल को सम्मान पत्र प्रदान किया गया कमला मोटस दुर्ग द्वारा कैलाश बरमेचा एवं श्रीमति मंजू बरमेचा द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किया गया छत्तीसगढ़ कि मुक्त कण साहित्य समिति के अध्यक्ष गोविन्दपाल द्वारा संस्था कि ओर से शाल श्रीफल एवं सिफासनामा प्रदान किया गया लायन्स क्लब ऑफ दुर्ग सिटी की ओर से लायन रश्मि अग्रवाल एवं भावी अध्यक्ष लायन सुमन पाण्डे द्वारा भी जमाल को सम्मानपत्र शॉल श्रीफल एवं उपहार भेंट किया गया ।
इस अवसर पर नागपुर से आये वकिल नजीब साहब ने रोनक जमाल के 51 वर्षीय साहित्यिक जीवन पर रौशनी डालते हुए यह शब्द यकिन के साथ कहे कि आपके छत्तीसगढ़ का लाल डॉ. रौनक जमाल छत्तीसगढ़ का नाम भारत एवं उपमहाद्वीप मे हि नही सारी दुनिया में रौशन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि रौशन उर्दू साहित्य कि सभी विद्याओं में लिखता है, मे हमेशा सोचता रहता है कि यह आदमी ऐसा कैसे कर सकता है इस अवसर पर जलगॉव से आए कय्युम असर एवं नागपुर से आए रियाज कामिल ने रौनक जमाल की बचपन स्कूल और कॉलेज कि बहुत सी बातो पर से पर्दा उठाकर सभामह में बैठे साहित्य प्रेमियों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया कार्यक्रम के आखिर में केक काटकर जमाल के 70वे. जन्मदिन को यादगार बनाया गया ।

इस अवसर पर जमाल के मित्रो एवं साहित्य प्रेमियों ने जमाल को शॉल, श्रीफल उपहार और अपने अथाप्रेम से लाद दिया था जमाल ने सभी मेहमानो का शुक्रिया अदा किया । इस अवसर पर बहादुर अली थरानी गुलाब चौहान, आलोक नारंग एवं शाहिन बानो को पुरानी फिल्मो के गीत पेश कर सभा गृह में बैठे लोगों को थिरकने पर मजबुर कर दिया ।

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