भीषण गर्मी मे लू के खतरे से बचने सावधानी जरूरी, दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें

दुर्ग (चिन्तक)। पिछले दो दिनों से प्रदेश व जिले के तापमान में भारी वृद्धि हुई है। फलस्वरूप सनस्ट्रोक का खतरा बढ गया है। दुर्ग में पारा 43 डिग्री से ऊपर हो गया है। रात में भी गर्मी की वजह से लोग बेचैन है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गये हैं।
जाने क्या है लू लगने के लक्षण
सिर में भारीपन और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना अधिक प्यास और पेशाब का कम आना, भूख कम लगना तथा बेहोशी आना लू के लक्षण है।

लू से बचाव के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो जाना है। इससे बचाव के लिए ध्यान देने की जरूरत है। बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जाएं। धूप में निकलने से पहले सिर व कानो को अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पिएं और ज्यादा समय तक धूप में न रहें। गर्मी के दौरान नरम मुलायम व सूती कपड़े पहनें ताकि हवा व कपड़े पसीने सोखते रहे। इसी प्रकार अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पिएं। चक्कर आने या उल्टी आने पर छायादार जगह में विश्राम करें। शीतल पेयजल फलों का रस लस्सी मट्ठा आदि का सेवन करें।

लू लगने पर प्रारंभिक उपचार

बुखार पीडि़त व्यक्ति के सिर पर ठंड़े पानी की पट्टी लगाएं, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाएं जैसे कच्चे आम का पना, जल जीरा आदि. पीडि़त व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा दें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीडि़त व्यक्ति को यथीशीघ्र करीब के चिकित्सा केन्द्र में ले जाएं।

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