कल मतगणना : कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशियों का भाग्य का होगा फैसला, धड़कने हुई तेज,आज रात चैन की नींद नही सो पाएंगे उम्मीद्वार
दुर्ग(चिन्तक)।छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का एक्जेण्ट पोल यानी मतगणना का परिणाम चार जून को आने वाला है। पिछले तीन चुनाव के परिणाम को देखें तो भाजपा को कांग्रेस से 8 से 10 फीसदी वोट ज्यादा मिले हैं। वहीं इस दौरान भाजपा का वोट प्रतिशत 6 फीसदी बढ़ा तो कांग्रेस को वोट शेयर 4 फीसदी बढ़ा है। तीनों ही बार भाजपा फायदे में रही जबकि कांग्रेस दो सीट से आगे नहीं बढ़ पाई।
इस चुनाव में पिछली बार से 1.31 फीसदी वोट ज्यादा पड़े हैं ऐसे में दोनों राजनीतिक दल अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में खास माना जा रहा है। भाजपा जहां आत्मविश्ववास से लबरेज है। वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा नेताओं का बड़बोलापन और घमंड ही उन्हें ले डूबेगा। जनता स्वयं भाजपा नेताओं के कार्यों का आकलन करेगी।
दरअसल प्रचार के दौरान भाजपा पूरे समय मोदी की गारंटी और साय के सुशासन को लेकर मैदान में डटी रही। अपने संकल्प पत्र के बिंदुओं के साथ चुनाव लडऩे वाली भाजपा ने साय सरकार के तीन महीने के कार्यकाल के दौरान किसानों और महिलाओं के लिए किए गए कार्यों के नाम पर वोट मांगे।
वहीं कांग्रेस मोदी सरकार की दस साल की नाकामियों तथा अपने पांच न्याय और 25 गारंटियों के साथ मैदान में उतरी है। लोगों के बीच पहुंचकर वे अपने गारंटी फार्म भी भरवाती रही क्योंकि उन्हें भाजपा की महतारी वंदन योजना की तरह इसके परिणाम मिलने की आस दिखाई दे रही थी। इसके अलावा कांग्रेस आरक्षण और संविधान को लेकर हमलावर रही है।
सबसे ज्यादा सरगुजा में 78.89 प्र.श. मतदान, प्रदेश में 15 लाख वोटर बढ़े
छत्तीसगढ़ में इस लोकसभा चुनाव में कुल 2 करोड़ 5 लाख 13 हजार 252 मतदाता थे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 1 लाख 80 हजार 405 और महिला मतदाता 1 करोड़ 3 लाख 32 हजार 115 है। जबकि 732 थर्ड जेंडर वोटर भी हैं। 2019 के आंकड़ों को देखें तो 5 साल में 15 लाख से ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। प्रदेश में तीनों चरणों में कुल 72.8 प्रतिशत वोटिंग हुई। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए मतदान से तुलना करें तो इस बार पिछली बार की तुलना में 1.31 फीसदी वोट ज्यादा मिले हैं। पिछली बार कुल 71.49त्न फीसदी मतदान हुआ था। इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग सरगुजा में 78.78 प्रतिशत और सबसे कम मतदान बिलासपुर में 63.95 प्रतिशत हुआ है।
भाजपा-कांग्रेस दोनों कर रहे जीत के दावे
चुनाव परिणाम आने से पहले एग्जिट पोल से भाजपा खेमे में उत्साह है और सभी 11 सीटें जीतने के दावे कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एग्जिट पोल भ्रम है और कांग्रेस इस बार पिछले सभी चुनावों से बेहतर स्थिति में रहेगी और वह इस बार भाजपा से ज्यादा सीटें जीतेगी। कांग्रेसियों का दावा है कि इस बार का चुनाव नया इतिहास बनाएगा। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद से भाजपा कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास भी काफी बढ़ गया है।
भाजपा का वोट शेयर हर चुनाव में बढ़ता रहा
2009 के लोकसभा चुनाव में कुल 56.3 फीसदी वोट पड़े थे। भाजपा को कांग्रेस से 8 फीसदी वोट ज्यादा मिले थे।
इस दौरान भाजपा ने 10 सीटें जीतीं थी और उसका वोट शेयर 45 फीसदी था जबकि कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली थी और उसका वोट शेयर 37.3 प्रतिशत था। इसी तरह 2014 के चुनाव की बात करें तो कुल को 69.5 फीसदी वोट पड़े थे। भाजपा को 10 फीसदी वोट ज्यादा मिले और उसने 10 सीटें जीती थी और उसका कुल वोट शेयर 49.7 फीसदी रहा जबकि कांग्रेस को इस बार भी एक सीट से संतोष करना पड़ा और उसका वोट शेयर 39.1 फीसदी रहा। वहीं 2019 के चुनाव में कुल 73.8 फीसदी वोट पड़े थे और भाजपा ने इस बार भी कांग्रेस से 10 फीसदी ज्यादा वोट हासिल किए। उसका वोट शेयर बढ़कर 51.4 फीसदी हो गया जबकि कांग्रेस इस बार दो सीटें जीतने में कामयाब रही और उसका वोट शेयर 41.5 फीसदी रहा।
छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा क्षेत्र, सभी सीटों पर 1.31 फीसदी मतदान बढ़ा
लोकसभा- 2019- 2014- बढ़त, महासमुंद- 74.51-75.02- 0.51,रायपुर 66 -66.82- 0.82, दुर्ग 71.68- 73.68 2.0,कोरबा- 75.28- 75.63- 0.35,रायगढ़- 77.78- 78.85- 1.07,सरगुजा- 77.30-79.89- 2.59,कांकेर- 74.27- 76.23- 1.96,बस्तर- 66.04- 68.29-2.25,बिलासपुर- 64.36- 64.77- 0.41,राजनांदगांव-76.04- 77.42-1.38, जांजगीर-चांपा- 65.58- 67.56- 1.98 है।