ट्रक ने बाइक सवारों को रौंदा, दर्दनाक हादसे में मासूम की मौत, आक्रोशितों ने किया चक्का जाम

डोंगरगढ़ । छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में रविवार रात एक एक सड़क हादसे में 3 साल की मासूम की मौत हो गई। तेज रफ्तार ट्रक ने बच्ची को रौंद दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद पीडि़त परिवार और स्थानीय लोगों ने मिलकर ट्रक को रोका और ड्राइवर को पुलिस के हवाले किया। इस घटना को लेकर आक्रोशित लोगों ने चक्काजाम कर दिया।

जानकारी के अनुसार, डोंगरगढ़ में खैरागढ़ से चिचोला जाने वाले मुख्य मार्ग में कचहरी चौक के मोड़ पर रविवार रात 7 बजे महाराष्ट्र पासिंग की ट्रक ने ग्राम मुड़पार निवासी रूपेंद्र साहू की 3वर्ष की बच्ची को बेरहमी से रौंद दिया जिससे बच्ची की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना को देख परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश रहा, लगभग 2 से 3 घंटा मुख्य मार्ग पर चक्का जाम जैसी स्थिति बनी रही जिसे देखते हुए एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार समेत पूरा सरकारी अमला मामले को शान्त कराने घटना स्थल पहुँचा था। लेकिन आक्रोशित भीड़ शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी बड़ी मुश्किलों के बाद बच्ची के शव को सड़क से हटाया गया और पोस्ट मार्डम के लिए भेजा गया।

पीडि़त परिवार ने बताया कि, मूढ़पार निवासी रूपेंद्र साहू अपनी दो बच्चियों के साथ मोटरसाइकिल से रिश्तेदार के घर जा रहा था। जहां डोंगरगढ़ कचहरी चौक के मोड़ पर महाराष्ट्र पासिंग ट्रक की चपेट में आ गये जिससे मोटर साइकिल सवार रूपेंद्र अपनी बच्चियों के साथ जमीन पर गिर पड़ा। लेकिन मासूम 3 साल की बच्ची का सिर टायर के नीचे आने से उसकी घटना स्थल पर मौत हो गई वहीं दूसरी बच्ची के सिर पर गहरी चोट लगने की वजह से उसे जिला चिकित्सालय रेफ र किया गया।

बता दें, इस रोड पर कई स्कूल और कई शासकीय कार्यालय हैं, जिसकी वजह से इस रोड पर ट्रैफिक ज्यादा देखने को मिलता है। इसके अलावा रोड पर स्थित दुकानों के सामने भी बहुत सी गाडियां खड़ी होने से जाम जैसी स्थिति बनी रहती हैं। दुर्घटना होना इस रोड पर आम बात हो गई है। वाहन चालकों का वाहन यहां तेज गति से गुजरता है जिसे नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था यहां नहीं है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराते हुए वाहनों की गति को नियन्त्रण करने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासन के कान में आज तक जू नही रेंगा है और रविवार रात फिर से एक मासूम बच्ची की जान चली गई। ऐसे में प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा होता है।