विश्व महासागर दिवस: मानव जीवन में महासागरों का है महत्वपूर्ण भूमिका- डॉ.  जमाल

दुर्ग (चिन्तक)। आज के दौर में धरती की तरह महासागरों को भी जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है। इन खतरों से निपटने की आवश्यकता है। विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य महासागरों पर मानवीय कार्यों के प्रभाव को लेकर लोगों को जागरूक करना है। ताकि नागरिकों के एक विश्वव्यापी आंदोलन को विकसित किया जा सके और महासागरों के स्थायी प्रबंधन के लिए एक परियोजना पर दुनिया को एकजुट किया जा सके।

अन्तराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल ने बताया कि पूरी दुनिया में आज यानी 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए दुनियाभर के लोगों को जागरुक करना है। महासागर भोजन, दवाओं के प्रमुख स्त्रोत और जीवमंडल का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए इनका संरक्षण बहुत जरूरी है।

पहली बार विश्व महासागर दिवस का 8 जून 1992 को रियो डी जनेरियो में ग्लोबल फोरम में प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फैसला लिया कि 8 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व महासागर दिवस के रूप में नामित किया जाएगा। इसके बाद साल 2009 में पहली बार विश्व महासागर दिवस हमारे महासागर] हमारी जिम्मेदारी थीम के साथ मनाया गया। तब से ही द ओशन प्रोजेक्ट तथा वर्ल्ड ओशन नेटवर्क की मदद से दुनियाभर में हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाने लगा।

 

महासागरों का धरती की सतह पर ऊष्मा के चक्र का संतुलन बनाकर रखने में बड़ी भूमिका है। सामान्य तौर पर धरती से मानवजनित और अन्य चीजों से उत्सर्जित होने वाली ऊष्मा वायुमंडल में पहुंच जाती है जिसकी वजह से वायुमंडल गर्म होना शुरू हो जाता है] लेकिन काफी ऊष्मा को महासागर में अपने अंदर ले लेता है। इससे वायुमंडल और धरती पर ऊष्मा के दबाव में कमी आ tkrh है। इसके साथ ही महासागर की धरती के पर्यावरण की कई अहम प्रक्रियाएं और पारिस्थितिकी तंत्रों को संतुलित रखने में बड़ी भूमिका है।

धरती के 71 प्रतिशत हिस्से पर जल है। इसकी वजह से धरती को नीला ग्रह कहकर भी पुकारा जाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक] दुनिया के महासागरों को ग्रह का फेफड़ा माना जाता है। जीवमंडल का एक अहम भाग होने के अलावा भोजन और दवा का भी एक प्रमुख स्रोत है।

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