बता दें कि हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में 5 साल में 40 हजार बच्चों की मौत की खबर पर संज्ञान लिया था और सुनवाई शुरू की थी. हाईकोर्ट की डीबी ने सुनवाई के दौरान कहा था कि शासन की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकारी अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी है. बुधवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से महाधिवक्ता ने बताया कि अस्पतालों में व्यवस्था बनाई जा रही है. चीफ जस्टिस ने प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में आवश्यक सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराई जाए. इस निर्देश के साथ ही हाईकोर्ट ने यह जनहित याचिका निराकृत कर दी है.