आदर्श सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा… उपहार की लालच में कई बच्चों के मां-बाप ने फिर रचाई शादी
दुर्ग| भिलाई की बहुद्देशीय कल्याण संस्थान आस्था के दुर्ग के एक निजी मैरिज हॉल में हुए आदर्श सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है। यहां पर शादी के नाम पर रजिस्ट्रेशन के लिए पैसा वसूल करने वाली महिला खुद शादी के मंडप पर शादी करने बैठ गई। वहीं इस दौरान शादी करने वाले कई जोड़े बाहर खड़े रहे। उन्हें टोकन तक नहीं मिला तो वहां उन्होंने जमकर हंगामा मचाया।
यहां हो रहे आदर्श सामूहिक विवाह में ऐसे फर्जी जोड़ी भी पहुंचे थे, जो पहले से शादीशुदा थे। सामान और उपहार की लालच में यहां शादी करने पहुंचे थे। जब यहां बवाल शुरू हुआ तो संस्था के लोगों ने भी अपनी गलती स्वीकार की। इधर दो दिन पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसी संस्था में रजिस्ट्रेशन के कारण 15 जोड़ों को पकड़ा था, जो पहले से शादीशुदा और बच्चे वाले थे। लेकिन उसके बावजूद कई ऐसे जोड़े फिर आज शादी में शामिल हो गए, जो ना तो दिव्यांग थे और ना ही कुंवारे थे।
दरअसल, विवाह में इन जोड़ो में कई दो से तीन बच्चों के माता पिता भी शामिल थे । इसके अलावा संस्था से जुड़े लोगों पर सामूहिक विवाह में पंजीयन के नाम पर पैसे लेने का भी आरोप लगा। इसके अलावा पैसे लेने वाली महिला को पीड़ितों ने रंगे हाथों पकड़ा और संस्था से शिकायत की। पैसे देने वाले पीड़ितों ने संस्था से इस विषय पर शिकायत कर पैसे वापस दिलाने की मांग की है।
संस्था के संज्ञान में यह बातें आने के बाद संस्था ने अपनी गलती स्वीकार की। संस्था के प्रमुख प्रकाश गेडाम ने कहा कि पंजीयन के दौरान गलती हुई है। जिसके कारण फर्जी लोग इस शादी में शामिल हुए है। पैसे लेने की बात भी सामने आई है। जिसके लिए पुलिस से शिकायत की गई है।
बता दें कि शादी में फर्जीवाड़े की शुरुआत सूरजपुर जिले से 2 दिन पहले हो चुकी थी। वहां की परियोजना अधिकारी वर्षा बंसल ने इसकी शिकायत एसडीएम को की थी और संस्था को भी इसकी सूचना दी थी।
वहां से कुछ जोड़ों को यह कह कर लाया गया था कि उन्हें शादी के बदले रुपए और उपहार मिलेंगे और इस फर्जीवाड़े की खबर संस्था को भी दी गई थी लेकिन उसके बावजूद भी उन जोड़ों की यहां दोबारा शादी कराई गई। संस्था के अध्यक्ष प्रकाश गेडाम ने भी इस बात को स्वीकार किया कि उनके यहां कई फर्जी जोड़े पहुंचे थे जिसमें से उन्होंने कुछ को चिन्हित किया था लेकिन कई को नहीं पहचान पाए।