हमारे गांव को गांव ही रहने दीजिए…नहीं चाहिए नगर पंचायत का दर्जा, कलेक्टर दफ्तर पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण
बिलासपुर| बिलासपुर में सत्ता परिवर्तन के साथ पूर्ववर्ती सरकार के घोषणा और निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के गनियारी गांव के ग्रामीण ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने के घोषणा के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। इसी कड़ी में बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण घोषणा के खिलाफ आज कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए क्षेत्र को नगर पंचायत न बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि, पूर्ववर्ती सरकार ने वाहवाही लूटने और अपने राजनीतिक फायदे के लिए बिना नियमों का पालन करते हुए ग्राम पंचायत गनियारी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा किया था। जबकि, इसके लिए न तो मुनादी कराई गई और ना ही कोई जनसुनवाई की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि, गनियारी की बड़ी आबादी गरीब वर्ग से है। जहां लोग खेती किसानी और रोजी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। नगर पंचायत बनाने से गरीबों पर अलग- अलग टैक्स का भार आएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में सरकार से मिलने वाली योजनाओं से भी वे उपेक्षित हो जाएंगे। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम मांगपत्र सौंपते हुए गनियारी को नगर पंचायत न बनाने और ग्राम पंचायत का ही दर्जा रहने देने की मांग की है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप तखतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत गनियारी एवं मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम पंचायत मस्तूरी को नगर पंचायत बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग महानदी भवन रायपुर द्वारा इस आशय की अधिसूचना का 25 सितम्बर को प्रारंभिक प्रकाशन किया गया था। जिसमें कहा गया था कि इस संबंध में यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति हो तो वे अपनी दावा/आपत्ति 16 अक्टूबर 2023 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।
गनियारी ग्राम पंचायत के सबंध में दावा/आपत्ति जनपद पंचायत तखतपुर अथवा अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तखतपुर और मस्तुरी ग्राम पंचायत के संबंध में आपत्ति जनपद पंचायत मस्तुरी अथवा अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय मस्तुरी में उक्त तिथि तक प्रस्तुत की जा सकती है। गनियारी ग्राम पंचायत की वर्तमान में जनसंख्या 10 हजार 28 और मस्तुरी ग्राम पंचायत की जनसंख्या 5,934 है। नगर पंचायत की सीमाएं वहीं होंगी जो ग्राम पंचायत के रूप में स्वीकृत हैं।