शनिवार को छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के दूसरे नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया। सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद की और लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया। अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया।
वर्चुअल मोड में निरीक्षण के दौरान चीफ जस्टिस ने जिला न्यायलय रायगढ़ के एक प्रकरण में जहां एक उम्रदराज पति-पत्नी के मध्य घरेलु हिंसा का विवाद था और वे अलग-अलग रह रहे थे। लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। चीफ जस्टिस पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की गई और दम्पत्ति को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी ।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दो खण्डपीठों का चीफ जस्टिस भ्रमण किया।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट के सभी जजों ने अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया। इस दौरान लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिये प्रोत्साहित किया।
नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिए चीफ जस्टिस सिन्हा ने जिला न्यायालयों के प्रधान जिला न्यायाधीश,और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभी खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालेण्टियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों तथा अन्य सभी लोगों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को एतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है।