हाईकोर्ट की बड़ी पहल: 24 साल में पहली बार लागू हुई ऐसी व्यवस्था

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना के बाद यह पहली बार है जब चार डिवीजन बेंच का गठन किया गया है। रजिस्ट्रार जनरल ने प्रकरणों की सुनवाई के लिए नया रोस्टर जारी किया है। चार डिवीजन बेंच के अलावा दो स्पेशल बेंच व 15 सिंगल बेंच का गठन किया है। नए रोस्टर के अनुसार बुधवार से चार डीबी और 15 सिंगल बेंच में सुनवाई प्रारंभ हो गई है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में डिवीजन बेंच में सुनवाई वाली रिट याचिका,जनहित याचिका, रिट अपील, बंदी प्रत्यक्षीकरण, रिट याचिका क्रिमिनल, अवमानना याचिका की सुनवाई होगी। दूसरी डिवीजन बेंच ने जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की है।

इसमें टैक्स से संबंधित प्रकरणों के अलावा टैक्स से संबंधित रिट अपील,डिवीजन बेंच में सुनवाई योग्य रिट याचिका, 2020 से 21 की लंबित क्रिमिनल अपील व डिवीजन बेंच में सुनवाई योग्य क्रिमिनल अपील की सुनवाई होगी। जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की तीसरी डीबी में सभी प्रकार के क्रिमिनल मैटर जो डीबी में सुनवाई की जाएगी। जस्टिस संजय अग्रवाल व जस्टिस रजनी दुबे की चौथी डीबी में डिवीजन बेंच में सुनवाई योग्य सिविल मैटर,कंपनी अपील व सभी प्रकार के रिट याचिका की सुनवाई होगी।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के स्पेशल बेंच में वर्ष 2013 से 2015 के बीच लंबित क्रिमिनल रिवीजन,सीआरपीसी की धारा 438 व 482 के तहत जमानत के लिए दायर याचिका, ट्रांसफर याचिका की सुनवाई होगी।

जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल स्पेशल सिंगल बेंच में वर्ष 2017 से 2019 के बीच मिसलेनियस अपील,वर्ष 2006 से 2010 तक लंबित क्रिमिनल अपील,रिट याचिका ट्रांसफर के प्रकरणों की सुनवाई करेंगे।

डिवीजन बेंच में दोपहर डेढ़ बजे तक प्रकरणों की सुनवाई होगी। इसके बाद डीबी में सुनवाई करने वाले जज सिंगल बेंच में प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। भोजनावकाश से पहले नौ सिंगल बेंच व भोजनावकाश के बाद छह और सिंगल बेंच में मामलों की सुनवाई होगी।