मंत्री ने डिप्टी कमिश्नर को किया सस्पेंड : बिना काम 1.35 करोड़ पेमेंट, ओपी चौधरी बोले…भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

रायपुर| छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने संदीप साहू, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल रायपुर को रायपुर के एकलव्य खेलकूद प्रकल्प परिसर, रायपुर छात्रावास भवन एवं स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण कार्य में अनियमितताएं पाए जाने के कारण निलंबित कर दिया है। संदीप साहू वर्तमान में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के प्रभारी उपायुक्त के पद पर तैनात थे।

संदीप साहू द्वारा तैयार किए गए प्रारंभिक अनुमानों और 10 फरवरी 2022 को स्वीकृत अनुमानों में विसंगतियां पाई गईं। इन अनुमानों के आधार पर टेंडर स्वीकृत हुआ, जिसके परिणामस्वरूप प्रारंभिक स्वीकृत राशि ₹1.35 करोड़ से अधिक ₹6.47 करोड़ की अतिरिक्त बजट आवश्यकता उत्पन्न हुई। यह असंगति तकनीकी लेखा प्रकोष्ठ (TAC) द्वारा 15 फरवरी 2022 को निरीक्षण में नोट की गई।

संदीप साहू द्वारा सही आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए गए और अतिरिक्त धनराशि के अनुमोदन के लिए गलत जानकारी दी गई। इससे ₹1,35,63,573 की सार्वजनिक निधि का दुरुपयोग हुआ। बिना उचित स्पष्टीकरण के लागत वृद्धि ने वित्तीय प्रबंधन और विभागीय जिम्मेदारी पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया।

वनवासी विकास समिति के अधिकारियों डॉ अनुराग जैन सचिव पुरुषोत्तम विधानी राघव जोशी श्रीराम नाथ कश्यप के द्वारा उक्त कार्य में हो रही गड़बड़ीनोर अनियमितता के लिए मंत्री ओ. पी चौधरी आवास एवं पर्यावरण विभाग को अवगत कराया गया। मंत्री द्वारा प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आयुक्त कुंदन कुमार (भ प्र से) को जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान तत्कालीन कार्यपालन अभियंता संदीप साहू के बिना प्रशासनिक स्वीकृति और तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कार्य करने तथा छल पूर्वक पूर्व में पी डब्लू डी विभाग के द्वारा कर लिए गए कार्य की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने प्राक्कलन बिना सहायक अभियंता और उप अभियंता के हस्ताक्षर प्रस्तुत करने और स्पोर्ट्स complex का कार्य बिना प्रशासनिक स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति कर लेने का दोषी पाया गया अधिकारी द्वारा फर्नीचर आदि की खरीदी के लिए मेसर्स गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर को राशि रु 13563573 का भुगतान माह जनवरी 2023 में किया गया है जबकि उस समय सिविल कार्य पूर्ण नहीं हुए थे। ठेकेदार को उक्त प्रयोजन से भुगतान किए जाने पूर्व निक्षेपदाता विभाग अथवा संस्था जिसे निर्मित भवन हस्तांतरित किया जाना था से सहमति प्राप्त नहीं की गई थी।

आगे की जांच में यह पाया गया कि संदीप साहू ने आवश्यक दस्तावेजों का रखरखाव नहीं किया और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। उनके कार्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965, और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1966 के उल्लंघन में पाए गए।

श्री कुंदन कुमार (भ प्र से) ने कहा कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल एक गहन जांच करेगा ताकि इस प्रकार की विसंगतियों को संबोधित किया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। संबंधित अधिकारी निर्माण और विकास गतिविधियों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।