शिक्षक भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू करने की मांग, ठंडे बस्ते में पड़ी 12 हजार 489 पदों पर भर्ती

रायपुर| छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों की चिंताओं ने एक बार फिर से जोर पकड़ा है। एसटी आयोग के सामने अपनी मांगों को लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग और भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग की है।

गौरतलब है कि बस्तर और सरगुजा संभाग के लिए साल 2023 में 12 हजार 489 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन आचार संहिता के कारण इस प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। अब भाजपा की नई सरकार इस मुद्दे का समाधान निकालने के प्रयास में है। कांग्रेस के शासनकाल में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।

पूर्ववर्ती सरकार ने बस्तर और सरगुजा संभाग में 12 हजार 489 पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी। उनके कार्यकाल के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और आचार संहिता लागू होने के कारण इसे रोकना पड़ा। इसके अलावा, कांग्रेस के कार्यकाल में भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं। जिससे अभ्यर्थियों का भरोसा टूटा है।हालांकि भाजपा ने अभ्यर्थियों की मांगों को गंभीरता से लिया है। भाजपा का मानना है कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सुधार उनकी प्राथमिकताओं में से एक है।

भाजपा सरकार ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को ठीक करने का वादा किया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की सरकार के दौरान भर्ती प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार के कारण अभ्यर्थियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने वादा किया है कि वे इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके। भाजपा ने सत्ता में आते ही भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की दिशा में कदम उठाए हैं।

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों की मांग और चिंता वाजिब है। भाजपा ने सत्ता में आते ही इस दिशा में कदम उठाए हैं और प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करने का वादा किया है। हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा की सरकार कैसे अपने वादों को पूरा करती है और राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करती है।