कांग्रेस में अब वोरा अकेले नेता नही, कई अन्य नेताओं का जनाधार बढ़ा

विधानसभा और लोकसभा के बाद समीकरण बदला, कई अन्य की दिखी सक्रियता

दुर्ग (चिन्तक)। विधानसभा और लोकसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस का समीकरण तेजी से बदला है। दुर्ग शहर में वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक अरूण वोरा अब एक मात्र नेता नही है. कई अन्य नेताओ ने सक्रियता का प्रदर्शन करके जनमानस मे अपनी छवि को न केवल बेहतर ढंग से विकसित किया है बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच भी अपनी खास जगह बना ली है। परिणाम स्वरूप वोरा से छिटक कर दूर हुए कार्यकर्ता इन नेताओं के पास जुटने लगे है और अपना भविष्य तलाशना शुरू कर दिया है।
यहां गौरतलब है कि इससे पहले दुर्ग शहर से पूर्व विधायक अरूण वोरा ही सर्वमान्य नेता थे। शहर कांग्रेस का पूरा संगठन पिछले दो दशक से वोरा के इशारे पर ही काम करता रहा है लेकिन पिछले विधानसभा के चुनाव में 48 हजार मतो की करारी पराजय के बाद अधिकतर कार्यकर्ता वोरा से छिटक कर दूर हो गये है। अब शहर कांग्रेस में नये सिरे से बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है क्योंकि कांग्रेस को अगले नगरीय निकाय के चुनाव से अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखना है।

कार्यकर्ताओँ का मानना है कि अब अगले चुनाव में वार्ड प्रत्याशियों का चयन किसी एक की मनमर्जी से नही बल्कि सामूहिक भागीदारी से होना चाहिए। संगठन का नेतृत्व सक्रिय और सक्षम व्यक्तित्व को मिलना चाहिए। इससे पहले शहर कांग्रेस में जो भी अध्यक्ष रहा है वह प्रभाव व दबाव की वजह से स्टेपनी बनकर काम करता रहा है।

प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने यदि दुर्ग शहर कांग्रेस की बदहाली पर ध्यान नही दिया तो कांग्रेस को फिर नुकसान हो सकता है। शहर कांग्रेस की तरह युवक कांग्रेस का भी हाल बेहाल है। युवक कांग्रेस के पतन की कहानी व संगठन चुनाव की दास्तान बेहद रोचक व दिलचस्प है इसका खुलासा आने वाले समय में होगा। लेकिन मौजूदा दौर मेंं शहर कांग्रेस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
विधानसभा और लोकसभा के चुनाव के बाद शहर में कई नेताओं की सक्रियता खुले तौर पर दिखलाई पड़ी है। पांच वर्ष तक राज्य में कांग्रेस के शासन काल में इन नेताओं को खुलकर काम करने का अवसर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वजह से मिला है।

पूर्व महापौर आर.एन.वर्मा पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष बनने के बाद कार्यकर्ताओ का हौसला बढ़ाया है। श्री वर्मा के साथ कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम जुड़ गयी है। दुर्ग लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू किसी परिचय के मोहताज नही है। अपने व्यवहार से श्री साहू ने समर्थको की लंबी कतार बना ली है। निगम महापौर धीरज बाकलीवाल भी बेहद सरल सहज और व्यवहार कुशल होने के साथ निष्ठावान कांग्रेसी है और काम की वजह से पूरे शहर में लोकप्रिय है। धीरज के साथ भी समर्थकोंं का बड़ा वर्ग तैयार हो गया है।

निगम सभापति राजेश यादव छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय है। श्री यादव के साथ भी समर्थकों का बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त प्रोफेसनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर की भी एक बड़ी टीम है। श्रीचंद्राकर ने काम और व्यवहार की वजह से अपनी एक पहचान बना ली है।

दुर्ग शहर में दीपक दुबे भी लंबे समय से सक्रिय है। राष्ट्रीय संगठन में भी जिम्मेदारी संभाल चुके है। श्री दुबे के साथ भी समर्थकों की लंबी चौड़ी फौज है। इन सभी नेताओं के निवास में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा निरंतर देखा जा रहा है। इससे यह माना जा रहा है कि कांग्रेस में बदलाव का दौर शुरू हो चुका है। आने वाले समय में कई चौका देने वाले हैरत अंगेज घटनाक्रम सामने आएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।