अमेरिका ने अपनी धरती से स्पेस में भेजे अंतरिक्ष यात्री
फ्लोरिडा । अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान (नासा) ने 9 साल बाद नया कार्तिमान रच दिया है। फ्लोरिडा के केप कनवरल में जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से नासा-स्पेसएक्स डेमो-2 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। अमेरिका ने 9 साल में पहली बार अपनी धरती से स्पेस (अंतरिक्ष) में अंतरिक्ष यात्री भेजे हैं। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेनस्टीन ने लॉन्च के बारे में जानकारी दी। चांद को छूने के लिए पृथ्वी से पहली उड़ान इसी जॉन एफ केनेडी सेंटर से रखी गई थी। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेनस्टीन ने ट्वीट करते हुए बताया, ‘9 साल में पहली बार अब हमने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री को अमेरिकी रॉकेट के जरिए अमेरिका की धरती से भेजा है। मुझे नासा और स्पेसएक्स टीम पर गर्व है, जिसने हमें इस क्षण को देखने का मौका दिया है। यह एक बहुत अलग तरह की फीलिंग है, जब आप अपनी टीम को इस रॉकेट (फेल्कन 9) पर देखते हैं। ये हमारी टीम है। यह लॉन्च अमेरिका है।’ अमेरिकी समय के मुताबिक दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर रॉकेट को लॉन्च किया गया। दोनों अंतरिक्ष यात्री सभी तैयारियों के साथ स्पेसएक्स रॉकेट में सवार हुए। काउंटडाउन खत्म होने के साथ ही यान अंतरिक्ष की ओर उड़ चला। इससे पहले बुधवार को खराब मौसम की वजह से लॉन्चिंग को तय समय से 16 मिनट पहले टालना पड़ा था।
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का रॉकेट वेटरन ऐस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बोकाहन और डगलस हर्ले को आईएसएस तक ले जाने के लिए लॉन्च हुआ। दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 घंटे का सफर तय करते हुए इसे लेकर इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (आईएसएस) पहुंचेंगे। साल 2011 में स्पेस शटल प्रोग्राम खत्म होने के बाद पहली बार अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट्स अमेरिका की मिट्टी से स्पेस में भेजे गए हैं। अभी तक रूस के सयूज का सहारा लिया जाता था। किसी प्राइवेट कंपनी के रॉकेट से स्पेस जाने का भी यह पहला मौका है। अमेरिका के इतिहास में नासा (नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने मंगल मिशन समेत कई अहम कीर्तिमान जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से अपने नाम किए। लेकिन 2011 के बाद से इस पर ब्रेक लग गया। अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट्स रूस की मदद से स्पेस में जाते रहे। अब नासा वापस अमेरिका की मिट्टी से अपने ऐस्ट्रोनॉट्स को अपने देश के रॉकेट्स में बैठाकर स्पेस में भेजा है। पूरी दुनिया की निगाहें इस मिशन पर टिकी थीं।