अयोध्या राम मंदिर: रामलला को 12 माह में 363 करोड़ का दान, प्राण-प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम की शरण में पहुंचे 2.85 करोड़ भक्त
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राममंदिर को एक साल में 363 करोड़ रुपए दान में मिले हैं। विदेश में रहने वाले रामभक्तों ने 10.43 करोड़ रामलला को समर्पित किए हैं। चेक और नगद के रूप में श्रीराम को 53 करोड़ मिले हैं। रामलला के सामने रखे दानपात्रों से 24.50 करोड़ और तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के विभिन्न खातों में ऑनलाइन 71 करोड़ मिले हैं। इतना ही नहीं बैंक में जमा 2600 करोड़ के ब्याज के रूप में 204 करोड़ भगवान को अर्पित किए गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के आय-व्यय का लेखा-जोखा 22 अगस्त को सार्वजनिक किया।
एक साल में 670 करोड़ होंगे खर्च
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में ट्रस्ट की बैठक हुई। बैठक में संभावना व्यक्त की गई कि 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक राममंदिर के निर्माण में 670 करोड़ रुपए और खर्च होंगे। रामजन्मभूमि परिसर के विकास में 180 करोड़ रुपए और खर्च होने का अनुमान है। बैठक में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि, महासचिव चंपतराय सहित सदस्य नृपेंद्र मिश्र सहित आदि रहे।
तीनों मूर्तिकारों को 75-75 लाख दिए
2023-24 में रामलला को 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना समर्पित किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की मूर्ति बनाने वाले तीनों मूर्तिकारों को 75-75 लाख रुपए 18% GST के साथ ने दिया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 37 साल के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति स्थापित की गई है। दूसरे मूर्तिकार गणेश भट्ट को कर्नाटक स्टेट में कई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। तीसरे मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार रामेश्वर लाल पांडे के बेटे हैं।
सात माह में 2.85 करोड़ भक्तों ने किए दर्शन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 7 माह में 2 करोड़ 85 लाख भक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। सावन के महीने में 35 लाख भक्तों ने दर्शन किए हैं। मतलब करीब 1.30 लाख भक्तों ने हर दिन रामलला के दर्शन किए हैं। मंदिर निर्माण का काम दिन-रात चल रहा है। राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर टाइटेनियम का राम दरबार बनाया जाएगा। यहां लगने वाली मुख्य मूर्ति सफेद संगमरमर की होगी।
2100 करोड़ का मिला चेक
बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट को डाक से 2100 करोड़ का एक चेक मिला है। यह चेक प्रधानमंत्री आपदा कोष के लिए था। इसलिए उसको प्रधानमंत्री आपदा कोष में जमा करने के लिए भेज दिया है। रामलला के दर्शन मार्ग पर प्रवेश से लेकर निकास द्वार के डेढ़ किलोमीटर लंबे दर्शन मार्ग पर जर्मन हैंगर लगाया जाएगा।
1800 करोड़ मंदिर की लागत
मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 1800 करोड़ है। लागत का 60 फीसदी हिस्सा परकोटे पर ही खर्च हो रहा है। इसलिए राम मंदिर में सबसे महंगा हिस्सा उसका परकोटा ही होगा। राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर 90 फीसदी बन गया है। सेकेंड फ्लोर का काम भी 70 फीसदी पूरा हो चुका है। सेकेंड फ्लोर पर 74 स्तंभों में से 60 स्तंभ स्थापित किए जा चुके हैं। परिसर में 800 मीटर लंबा परकोटा भी बन रहा है।