होर्डिग्स के गर्डर व फ्रेम की खुले आम हो रही है चोरी : जी.ई.रोड में गिरोह सक्रिय, चोरों को नही पकड़ पा रही है पुलिस
दुर्ग (चिन्तक)। जिले में चोरी की घटनाए लगातार बढ़ रही है। आवासीय क्षेत्रों के साथ-साथ चोर जी.ई.रोड व प्रमुख मार्गो में लगे होर्डिग्स को काटकर चोरी कर रहे है। ऐसा कार्य किसी एक व्यक्ति के व्दारा संभव नही है परिणाम स्वरुप चार से पांच लोगों का गिरोह धड़ल्ले के साथ चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पुलिस अभी तक ऐसे एक भी चोर को पकड़ नहीं पाई है
जानकारी के अनुसार जिले व शहर के प्रमुख मार्गो पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के प्रचार प्रसार के लिए लाखों रु. खर्च कर विभिन्न एजेन्सियों व्दारा होर्डिग्स लगाए गए है। प्रत्येक होर्डिग्स को लगाने 70 हजार से एक लाख रुपए का खर्च आता है। लेकिन चोर रातों रात होर्डिग्स के गर्डर व फ्रेम की चोरी कर रहे है। पिछले कुछ महीनों के अंतराल में दर्जनों की संख्या में होर्डिग्स की चोरी की घटनाए हुई है।
बताया गया है कि सबसे ज्यादा चोरी की घटनाए वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र स्मृति नगर चौकी के अंतर्गत वाय शेप ब्रिज से बटालियन होकर नेहरु नगर जाने के मार्ग में हो रही है। इसकी शिकायत भी स्मृति नगर चौकी के पास पहुंच रही है लेकिन पुलिस अभी तक इस गिरोह को पकड़ नही पाई है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है और वैशाली नगर विधानसभा के नव निर्वाचित विधायक रिकेश सेन की प्रतिष्ठा पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
होर्डिग्स की चोरी किसी एक के बस की बात नहीं, पूरा गिरोह सक्रिय
होर्डिग्स के गर्डर व फ्रेम की चोरी किसी एक व्यक्ति के बस की बात नही है इसके पीछे एक गिरोह सक्रिय है जो चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा है। वायशेप ओव्हर ब्रिज से बटालियन होकर नेहरु नगर जाने के मार्ग में 20 बाई 20 व 20 बाई 10 के होर्डिग्स लगाए गए है । 20 बाई 20 की साईज की होर्डिग्स में 28 से 30 फुट के तीन मोटे गर्डर का उपयोग होता है इस बाद फ्रेम लगाया जाता है।
गर्डर जमीन के नीचे 4 फुट तक गड़ाए जाते है। इस गर्डर को काटने में तीन से चार घंटे का समय लगना लाजिमी है इस प्रमुख मार्ग पर रातो रात चोर गर्डर को काटकर ले जा रहे है और फ्रेम की चोरी कर रहे है लेकिन पुलिस चोरों को पकड़ पाने में विफल साबित हो रही है।
शासन को देते है टेक्स, चोरी से बढ़ा आक्रोश
होर्डिग्स संचालकों को होर्डिग्स लगाने के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है। उसके बाद 70 हजार से एक लाख रु खर्च करके होर्डिग्स लगाते है। होर्डिग्स संचालक इसके एवज में शासन को टेक्स का भुगतान भी करते है जिससे शासन को राजस्व मिलता है। लेकिन चोरी की लगातार बढ़ रही घटनाओं से होर्डिग्स संचालकों में जबर्दस्त आक्रोश है। जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेकर पहल करने की मांग की गई है।