बैंक गारंटी जब्त कर वसूली : एक साल बाद भी जमा नहीं हुआ कस्टम मिलिंग का 1166 टन चावल

रायपुर। रायपुर जिले में पिछले वर्ष धान के बदले चावल जमा करने वाले 25 मिलर एक साल बाद भी 1166 टन चावल जमा नहीं कर पाए हैं। खाद्य विभाग की टीम ने हाल ही में कुछ मिलर्स के यहां दबिश देकर जांच की थी। इस जांच में एक मिलर्स के यहां पिछले वर्ष का साढ़े तीन हजार क्विंटल चावल बरामद किया है। इस कार्रवाई के बाद जिला विपणन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इसके अलावा 24 अन्य मिलरों ने भी पिछले वर्ष का चावल जमा नहीं किया है।

इधर, विपरण विभाग के अधिकारी ने 25 मिलर्स द्वारा 1166 टन चावल जमा नहीं करने की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी मिलर्स से चावल के बदले में राशि वसूल की जा रही है। इनमें 3 मिलर्स ऐसे हैं, जिनके द्वारा सबसे ज्यादा मात्रा में चावल जमा नहीं कराया गया है। इन मिलर्स की बैंक गारंटी के रूप में जमा राशि आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर भी करा लिया है, वहीं अन्य मिलर्स से रिकवरी के लिए उनके द्वारा दिए जाने वाले बिलों में समायोजन किया जा रहा है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को शासन के नियमों के तहत पंजीकृत मिलर्स को मिलिंग के लिए प्रदाय किया जाता है। इसका चावल बनाकर समयावधि में मिलर्स को जमा करना होता है, लेकिन इस मिलिंग कार्य में राइस मिलर्स लापरवाही बरत रहे हैं। मिलर्स द्वारा समय पर चावल जमा नहीं किया जा रहा है।

खाद्य विभाग अब मिलर्स के खिलाफ सख्त 

इधर, कस्टम मिलिंग का चावल समय पर जमा हो, इसके लिए खाद्य विभाग अब मिलर्स के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहा है। इसके तहत विभाग अब उन मिलर्स के यहां दबिश देकर कार्रवाई भी कर रहा है, जिनके द्वारा समय पर चावल जमा नहीं किया जा रहा है। इस कार्रवाई से मिलर्स से लेकर विपणन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि कहीं न कहीं विपणन विभाग द्वारा भी मिलर्स पर समय पर चावल बनाने के लिए दबाव नहीं बनाया जा रहा है। यही कारण है कि वर्ष 2022 में धान उठाने के बाद बदले में चावल जमा करने वाले 25 मिलर्स द्वारा एक साल बाद भी 1166 टन चावल चावल जमा नहीं किया गया है।

30 सितंबर तक करना होता है चावल जमा

समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी के बाद सोसाइटियों से पंजीकृत मिलर्स द्वारा धान का उठाव किया जाता है। धान का उठाव के बाद मिलर्स को धान को मिलिंग कर बदले में चावल जमा करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया जाता है। इस तरह मिलर्स को चावल जमा करने के लिए करीब 6-8 माह का समय दिया जाता है। इसके बाद भी कई मिलर्स समय पर चावल जमा नहीं कर पाते। विपणन विभाग रायपुर के जिला अधिकारी जसबीर बघेल ने बताया कि, समय पर धान के बदले चावल नहीं करने पर रिकवरी करने का प्रावधान है। 25 में से 3 मिलर्स द्वारा ज्यादा मात्रा में चावल जमा नहीं किया गया। वसूली के लिए उनकी बैंक गारंटी राशि को आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करा लिया है। शेष 22 मिलर्स से बहुत कम मात्रा में चावल रिकवरी की जानी है, इसलिए मिलिंग बिल में समयोजन किया जा रहा है।

25 मिलर्स में किसने कितना चावल जमा नही किया

मिलर्स चावल (टन में)
भोलामल गोकुलदास 157.41
निर्मला राइस प्रा.लि. 125.27
बालाजी राइस मिल 16.24
नाव्या ट्रेडर्स 0.36
साह हनुमंत इंडस्ट्रीज 0.23
दशमेस इंडस्ट्रीज 0.15
वर्धमान इंडस्ट्रीज 0.10
निर्मला राइस प्रा.लि 215.74
एसएस सचदेव फुड प्रो 0.20
विजय राइस मिल 0.11
जेडी एग्रो इंडस्ट्रीज-442226) 394.64
श्यामा राइस इंडस्ट्रीज 109.66
जेडी इंडस्ट्री 84.35
निर्मला राइस-443352) 34.90
जेडी इंडस्ट्री -447039) 20.13
अनुज राइस मिल 2.87
बालाजी पद्य 1.79
अंबिका सेल् 0.63
साह हनुमंत इंडस्ट्रीज-448221) 0.25
 साहिल फुड प्रोडक्ट-445808) 0.20
 ग्रो एग्रो फुड 0.15
अमित एग्रो प्रोसेसिंग 0.14
मां मौली राइस 0.12
कैलास राइस मिल 0.12
गोयल हर्ष 0.10